दिल्ली की सबसे पुरानी लाइब्रेरी में कर्मचारी हुए बेहाल ,17 महीनों से नहीं मिला वेतन

निगम द्वारा संचालित चांदनी चौक स्थित 150 साल पुरानी  हरदयाल  म्युनिसिपल हेरिटेज पब्लिक लाइब्रेरी में कर्मचारियों का गुस्सा फूटा |  17 महीनों से कर्मचारियों को वेतन न मिलने से कर्मचारी बेहाल है | और वेतन ना मिलने से नाराज कर्मचारियों ने  लाइब्रेरी पर ताला लगा निगम पार्षद पूनम पराशर  के खिलाफ जमकर नारेबाजी की |

दिल्ली की सबसे पुरानी लाइब्रेरी में कर्मचारी हुए बेहाल ,17 महीनों से नहीं मिला वेतन

Delhi (Neeshu Sharma) || निगम द्वारा संचालित चांदनी चौक स्थित 150 साल पुरानी  हरदयाल  म्युनिसिपल हेरिटेज पब्लिक लाइब्रेरी में कर्मचारियों का गुस्सा फूटा |  17 महीनों से कर्मचारियों को वेतन न मिलने से कर्मचारी बेहाल है | और वेतन ना मिलने से नाराज कर्मचारियों ने  लाइब्रेरी पर ताला लगा निगम पार्षद पूनम पराशर  के खिलाफ जमकर नारेबाजी की | वही नाराज़ कर्मचारियों  ने निगम पार्षद पूनम झा पर आरोप लगाए की पूनम झा की नियुक्ति को 8 महीने हुए और इस समय में उनके दौरान 6 लोगो की नियुक्ति की गई | और इन 6 में पूनम पराशर का बेटा भी शामिल था | यानी अब निगम पार्षद द्वारा अपने परिजनों की नियुक्ति की जा रही है | और वही आपको बात दे की जहा महीनो से कर्मचारियों का वेतन रुका हुआ है कर्मचारी बहाल है वही निगपार्षद पूनम झा द्वारा अपने परिजन को बाकायदा चेक काटकर वेतन दिया गया  अब इसे कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार न कहा जाए तो क्या कहा जाए | निगम पार्षद पूनम झा के खिलाफ लोगो द्वारा जमकर नारे भी लगाए गए |  और वही अब आपको  बता दे की पूनम झा अब निगम पार्षद भी नहीं रही है लेकिन वह अपनी सीट को छोड़ने को तैयार नहीं है और इस कदर  कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है | और भ्रष्टाचार प्रशासन के रूह में इस कदर घर कर चूका है  की महीनो से गुहार लगा रहे कर्मचारियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही | जिस से अब तंग आकर कर्मचारियों ने दिल्ली की  हरदयाल मुंसिपल पब्लिक लाइब्रेरी की 39 शाखाएं में ताला जड़ अनिश्चित कालीन धरने का एलान कर दिया है | जिस से अब पड़ने वाले बच्चे भी परेशान नज़र आ रहे है | 

कर्मचारियों द्वारा न्याय के लिए 17 महीनो से गुहार लगाईं जा रही है लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है और अब तक उन्हें न्याय नहीं मिला है | कर्मचारियो 17 महीने से वेतन न मिलने से जूझ रहे है | उनका कहना है की अब उनके पास किराय के लिए भी पैसा नहीं बचे है और अबतक वह उधर लेकर जैसे तैसे गुज़ारा कर रहे थे लेकिन अब लोगो ने उन्हें उधर देने से भी मना कर  दिया है | सभी शाखाएं बंद कर दी गई हैं और सबसे बड़ा सवाल यह है कि यहां पर पढ़ाई करने आने वाले छात्रों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है या पढ़ने आने वाले छात्रों का कहना है कि हम यहां पर पढ़ाई के लिए आए हैं लेकिन लाइब्रेरी बंद होने की वजह से हमें पढ़ाई का काफी नुकसान हो रहा है |


लाइब्रेरी के कर्मचारियों का कहना है कि हमने मजबूरन इस लाइब्रेरी पर ताला लगाया है क्योंकि पिछले 17 महीनों से हमें सैलरी नहीं मिली जिसकी वजह से हमें परिवार चलाना भी मुश्किल हो रहा है यहां तक की कर्जा देने वाले भी अब कर्जा नहीं दे रहे ऐसी स्थिति में हमारे पास इसके अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं था | कर्मचारियों का कहना है कि हम लगातार पिछले कई महीनों से निगम के अधिकारियों के पास जा जा कर थक गए लेकिन किसी ने हमारी सुनवाई नहीं की और मजबूरन अब हमें लाइब्रेरी पर ताला लगाना पड़ा हम यह बिल्कुल नहीं चाहते थे हम प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि हमारी सैलरी की समस्या का समाधान जल्द से जल्द हो | आर्थिक संकट से जूझ रही निगम का एकीकरण इसलिए किया गया था सैलरी संकट कम हो लेकिन निगम के  होने के बाद भी अभी तक सैलरी का  संकट लगातार बना हुआ है |