भिवानी की बेटियों की फिर बल्ले-बल्ले, बॉक्सिंग के बाद जूडो में भी बेटियों का बोलबाला

गोल्ड मेडल विजेता जूडो पहलवान अंकिता ग्रेवाल ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता व कोच को दिया। अंकिता ने कहा कि परिजनों व कोच का हमेशा सहयोग मिला। वो आगे भी ऐसे ही गोल्ड मेडल जीतने के लिए मेहनत करती रहेंगी। वहीं अंकिता के कोच संदीप तंवर ने कहा कि अंकिता बहुत मेहनती है। वो 6-7 साल से नेशनल चैंपियन है।

भिवानी || पहलवान बेटियों की एक बार फिर बल्ले-बल्ले हुई है। ख़ास बात ये है कि इस बार बॉक्सिंग नहीं, जूडो में एक बेटी गोल्ड मेडल लेकर आई है। भिवानी पहुँचने पर हर किसी ने अपनी इस लाड़ली को सिर आँखों पर बैठाया। यूँ तो खेल नगरी भिवानी की पहचान मिनी क्यूबा के तौर पर है। क्योंकि यहाँ के लाल और लाड़ले देश व दुनिया में अपने मुक्कों की धमक से मेडल पर मेडल लाते हैं। पर अब बॉक्सिंग के साथ भिवानी की बेटियों का जूडो में भी जलवा क़ायम होने लगा है। इसकी शुरुआत की है बामला गाँव की बेटी अंकिता ग्रेवाल ने। जिसने खेलो इंडिया में इंटर यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता है। 
बता दें कि 23 मई से 3 जून तक लखनऊ में इंटर यूनिवर्सिटी की खेलो इंडिया प्रतियोगिता हुई। जिसमें अंकिता ग्रेवाल ने 57 किलो भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीत कर अपने ज़िला व प्रदेश का नाम रोशन किया है। अपनी इस लाड़ली का भिवानी पहुँचने पर भव्य स्वागत किया गया। गोल्डन बेटी को फूलों व नोटों की मालाओं से लाद दिया गया। 

गोल्ड मेडल विजेता जूडो पहलवान अंकिता ग्रेवाल ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता व कोच को दिया। अंकिता ने कहा कि परिजनों व कोच का हमेशा सहयोग मिला। वो आगे भी ऐसे ही गोल्ड मेडल जीतने के लिए मेहनत करती रहेंगी। वहीं अंकिता के कोच संदीप तंवर ने कहा कि अंकिता बहुत मेहनती है। वो 6-7 साल से नेशनल चैंपियन है। उन्हें उम्मीद ही नहीं, पूरा भरोसा है कि अंकिता ओलंपिक में भी मेडल लाकर देश का नाम रोशन करेंगी। वहीं अंकिता के सम्मान में आए ग्रामीण व समाजसेवी सविता मान, आजाद ढाँडा व देवराज मेहता ने कहा कि सभी को अपनी बेटियों पर भरोसा कर उन्हें आगे बढ़ने का मौक़ा देना चाहिए। उन्होंने स्थानीय नेताओं के बेटी के सम्मान में ना आने पर नाराज़गी दर्शाई। साथ ही अंकिता के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि देश में आज जो माहोल है, यानी पहलवान बेटियों का आंदोलन चल रहा है, उससे कोई माँ बाप हताश होकर अपनी बेटी को खेलने से ना रोके। जूडो पहलवान अंकिता ग्रेवाल ने खेलो इंडिया में गोल्ड मेडल जीत कर जता दिया है कि भिवानी की बेटी हर खेल में आगे हैं। जरुरत है तो बस बेटियों को आगे बढ़ने का मौक़ा व माहौल देने की।