वेतन काटो या फिर भत्ते, डराने से आशा वर्कर्स हड़ताल नहीं लेंगी वापिस

आशा वर्कर्स 8 अगस्त से तीन दिन के लिए हड़ताल पर हैं और जिला मुख्यालयों पर पड़ाव डालते हुए सरकार के खिलाफ मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। दादरी जिला मुख्यालय पर धरने की अगुवाई कर्मचारी नेता राजवंती ने किया और एसकेएस, रोडवेज, किसानों सहित कई संगठनों ने उनके धरने को समर्थन दिया।

चरखी दादरी || हड़ताली आशा वर्कर्स ने स्पष्ट किया कि चाहे सरकार उनका वेतन काटे या फिर भत्ते, वे डराने से अपनी हड़ताल वापिस नहीं लेंगी। अपनी मांगों को पूरा करवाने के बाद ही पड़ाव से उठेंगी। केंद्रीय कमेटी जल्द ही आर-पार की फैसला लेगी और जरूरत पड़ी तो उनकी हड़ताल अनिश्चितकालीन भी करेंगे। आशा वर्कर्स की हड़ताल को दूसरे कर्मचारी संगठनों ने भी समर्थन दिया।बता दें कि प्रदेशभर की आशा वर्कर्स 8 अगस्त से तीन दिन के लिए हड़ताल पर हैं और जिला मुख्यालयों पर पड़ाव डालते हुए सरकार के खिलाफ मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। दादरी जिला मुख्यालय पर धरने की अगुवाई कर्मचारी नेता राजवंती ने किया और एसकेएस, रोडवेज, किसानों सहित कई संगठनों ने उनके धरने को समर्थन दिया। धरने पर सरकार मुर्दाबाद के नारे लगे और मांगों को लेकर आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया।

कर्मचारी नेता राजवंती ने कहा कि सरकार के डराने से वे पीछे नहीं हटेंगी, अपनी मांगों को पूरा करवाकर ही दम लेंगी। केंद्रीय कमेटी द्वारा जल्द ही हड़ताल को लेकर अनिश्चितकालीन का फैसला लिया जा सकता है। वहीं संयुक्त कर्मचारी मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य रणबीर गहलौत ने कहा कि आशा वर्कर्स ही नहीं बल्कि प्रत्येक सरकार कर्मचारी आज कार्यालयों की बजाये रोड पर बैठा है। सभी कर्मचारी एकजुट हैं और सरकार से मांगे पूरी करवाकर ही दम लेंगे। जरूरत पड़ने पर दूसरे विभागों के कर्मचारी भी हड़ताल पर जाएंगे।