गुरुग्राम के सभी प्राइवेट अस्पतालों को 5 जोन में बांटा गया...

गुरुग्राम के सभी प्राइवेट अस्पतालों को 5 जोन में बांटा गया है, जिसके बाद सभी अस्पतालों को एंटीजन व एंटीबॉडीज टेस्ट करने की अनुमति दी जा रही है। इनमें से 4 जोन नगर निगम क्षेत्र में और 1 जोन ग्रामीण क्षेत्र में बनाया गया है।

गुरुग्राम के सभी प्राइवेट अस्पतालों को 5 जोन में बांटा गया...

गुरुग्राम (संजय खन्ना) || साइबर सिटी में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या को देखते हुए साइबर सिटी के सभी अस्पतालों को जोन के हिसाब से पासवर्ड दिया जाएगा ,जिसके बाद वे अपने जोन में एंटीबॉडीज व एंटीजन टेस्ट कर सकेंगे। इसके लिए सभी अस्पतालों को आईसीएमआर पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। पहले से आईसीएमआर पोर्टल पर रजिस्टर्ड अस्पताल और लैब्स को दोबारा अपना रजिस्ट्रेशन करवाने की आवश्यकता नहीं है।टेस्ट केवल एनएबीएच अस्पताल, एनएबीएल लैब्स या फिर आईसीएमआर से अधिकृत अस्पताल और लैब्स को ही करने की अनुमति दी गई है।

साइबर सिटी के सभी अस्पतालों में एंटीबॉडीज और एंटीजन टेस्ट सरकार द्वारा निर्धारित फीस पर ही किये जाएंगे । एंटीबॉडीज टैस्ट के लिए 250 रुपए और एंटीजन टेस्ट के लिए 650 रुपए की फीस निर्धारित की गई है ।सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव की माने तो सभी अस्पतालों को सरकार द्वारा उसकी क्षमता के हिसाब से 25 प्रतिशत बेड्स कोविड मरीजों के लिए अलग से निर्धारित करने की हिदायत दी गई है । क्योकि पिछले 7 से 10 दिन के अंदर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। पहले जहां जिला में कोरोना के मामले 100 से नीचे आ रहे थे, वहीं अब बीते 10 दिन से यह आंकड़ा 100 से अधिक हो गया है। ऐसे में सभी अस्पतालों को अपने यहां कोविड बेडों की संख्या को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में इस समय कोविड मरीजों के लिए एक हजार बेड उपलब्ध हैं और जरूरत पड़ने पर संख्या बढ़ाई जाएगी।

सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव की माने तो कोरोना के सिंप्टोमैटिक मरीज जिनमें इसके लक्षण दिखाई पड़ रहे है या फिर उनकी स्थिति गंभीर है, तो ही उन्हें अस्पताल में एडमिट किया जा रहा है ।  बिना लक्षण वाले मरीज या फिर जिनकी स्थिति और ऑक्सीजन लेवल सामान्य है, उसे अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं है । इसके आलावा किसी भी मरीज को उसके कहने पर एडमिट नहीं किया जाएगा बल्कि उसकी स्थिति को देखकर यदि आवश्यकता होगी तो ही भर्ती किया जाएगा।