भारत और अमेरिका रणनीतिक साझेदारी में एक नया पहलू ।

आज विश्व के कई देश अपने आप को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठा रहें है इसके साथ ही विश्व के कई ऐसे भी देश हैं जो अपने आप को लगभग लगभग आत्मनिर्भर कर चुकें हैं। इन सब के बीच भारत अपने आप को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठा रहा है जिसका परिणाम ही है कि आज भारत अमेरिका जैसे विकसित देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है।

भारत और अमेरिका रणनीतिक साझेदारी में एक नया पहलू ।

Delhi (Riya Sharma) || आज विश्व के कई देश अपने आप को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठा रहें है इसके साथ ही विश्व के कई ऐसे भी देश हैं जो अपने आप को लगभग लगभग आत्मनिर्भर कर चुकें हैं। इन सब के बीच भारत अपने आप को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठा रहा है जिसका परिणाम ही है कि आज भारत अमेरिका जैसे विकसित देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है।

दरअसल भारत और अमेरिका रणनीतिक साझेदारी में एक नया पहलू जोड़ते हुए, यूएस नेवी शिप चार्ल्स ड्रू, मरम्मत और उससे समबंधित सेवाओं के लिए रविवार को चेन्नई के कट्टुपल्ली शिपयार्ड पहुंचेरक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारत में अमेरिकी नौसेना के जहाज की यह पहली मरम्मत है।

अमेरिकी नौसेना ने जहाज के रखरखाव के लिए कट्टुपल्ली में L&T के शिपयार्ड को एक अनुबंध दिया था। यह आयोजन वैश्विक जहाज मरम्मत बाजार में भारतीय शिपयार्ड की क्षमताओं का प्रतीक है। मंत्रालय ने कहा कि भारतीय शिपयार्ड उन्नत समुद्री प्रौद्योगिकी प्लेटफार्मों का उपयोग करके व्यापक और लागत प्रभावी जहाज मरम्मत और रखरखाव सेवाएं प्रदान करते हैं।

वहीं रक्षा सचिव अजय कुमार, वाइस चीफ ऑफ नेवल स्टाफ, वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग तमिलनाडु,  और पुडुचेरी नेवल एरिया रियर एडमिरल एस वेंकट रमन समेत रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने जलयान का स्वागत करने के लिए शिपयार्ड का दौरा किया। चेन्नई में अमेरिकी दूतावास के महावाणिज्य दूत जुडिथ रेविन और नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास में रक्षा अताशे रियर एडमिरल माइकल बेकर भी मौजूद थे। 

इस आयोजन को भारतीय जहाज निर्माण उद्योग और भारत अमेरिका रक्षा संबंधों के लिए एक लाल पत्र दिवस के रूप में बताते हुए, रक्षा सचिव अजय कुमार ने कहा हमें अमेरिकी नौसेना के जहाज USNS चार्ल्स ड्रू का भारत में स्वागत करने और उनकी यात्रा को तैयार करने के लिए वास्तव में प्रसन्नता हो रही है।

 भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने में भी भारत की यह एक  विशेष पहल है जो एक गहरे जुड़ाव के लिए नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है।

 भारत अमेरिका के रिश्ते का यह जुडव भारत को अन्य देशो के साथ कंधे से कंधा मिलाते हुए नज़र आ रही है साथ ही अपने आप को दुसरे देशो की मदद करने की क्षमता को भी बढा रही है। देश आत्मनिर्भरता की ओर बढते हुए धीरे धीरे हर क्षेत्र में विकासित हो रहा है।