साइबर क्राइम टीम ने किया नेक्सेस का भंडाफोड़

लोगो को चुना लगाने वाले दो विदेशियों सहित 13 लोगो को साइबर यूनिट ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल,फेसबुक पर विज्ञापन के माध्यम से वह जालसाजों के सम्पर्क में आ गया था,

साइबर क्राइम टीम ने किया नेक्सेस का भंडाफोड़

||Haryana||Rajnipal|| शेयर मार्किट में निवेश के नाम पर लोगो को चुना लगाने वाले दो विदेशियों सहित 13 लोगो को साइबर यूनिट ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। साइबर क्राइम टीम के एसीपी प्रियांशु दीवान की माने तो बीते दिनों पुलिस थाना साइबर क्राइम में एक शिकायत शेयर बाजार में निवेश के नाम पर 1 करोड़ 60 लाख रुपए ठग लेने के सम्बन्ध में प्राप्त हुई थी। पुलिस को दी शिकायत में पीड़ित ने बताया था कि फेसबुक पर विज्ञापन के माध्यम से वह जालसाजों के सम्पर्क में आ गया था और उनके कहने अनुसार शेयर मार्केट में रुपए निवेश कर दिए। 

पीड़ित की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए साइबर क्राइम टीम ने उद्योग विहार से गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान कॉन्स्टेंटिन फिलिप्स, अल्बर्ट सारिबेक्यान उर्फ पीटर,  गौरव वर्मा उर्फ प्रशांत गोयल, मेलबिन मेजन उर्फ रेयान मेथ्यू,  राकेश एस नायर उर्फ कैमरून विल्सन, एविन मैथ्यू उर्फ एडम जॉन उर्फ एडम मार्कस, रोहिंथ हरि चक्रवर्ती उर्फ राजकुमार, दीपांशु वर्मा उर्फ दीपक मल्होत्रा, अमन ग्रोवर उर्फ दुष्यंत सिंघानिया, तेजिंदर सिंह उर्फ तेजिंदर ग्रेवाल, नीरज उर्फ NICKU टंडन, चाहत अग्रवाल उर्द आर्यन कश्यप व  दिलशाद खांन उर्फ समैरा अली के रूप में हुई।


आरोपियों से पूछताछ में पता चला की ये भोले-भाले नागरिकों को फर्जी ट्रैडिग बेवसाईट Lexa Trade and Grow Line के द्वारा Stock Market, Crypto Currency and International Share Market निवेश कराने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर विज्ञापन दिखाकर धोखाधडी करते है। उपरोक्त वेबसाईट पर पीडित के वर्चुवल अकाउट बनाए जाते थे तथा पीडितो को उन अकाउट में पैसा निवेश करने के लिए प्रेरित किया जाता है। 

आपको बता दे की एक बार पीडित अपना पैसा ट्रेडिंग में निवेश कर देता तो प्रारम्भ में उस पैसे को थोडे लाभ के साथ पीडित को वापिस कर देते थे ताकि पीडित को विश्वास हो जाए कि उसके द्वारा किये गये निवेश में लाभ हुआ है। बाद में पीडित को ज्यादा पैसा निवेश कराने के लिए बताया जाता तथा एक बार पीडित ज्यादा पैसा निवेश कर देता तो उसके बाद उसे कोई पैसा वापिस नही दिया जाता तथा पीडित से बातचीत करना बंद कर देते तथा उनके नम्बरो को ब्लाक कर देते है।

फ़िलहाल पुलिस ने आरोपियो को हिरासत में लेकर मामले की तफ्तीश में जुट गई है।