सोनीपत के गांव के संस्कृति स्कूल की स्थिति बूचड़खाने से कम नहीं

सोनीपत के गांव लाठ में चौधरी श्याम लाल गर्वमेंट मॉडल संस्कृति स्कूल की स्थिति किसी बूचड़खाने से कम नहीं है। शिक्षा मंत्री से गुहार लगाते हुए सातवीं के सुमित ने कहा सिर्फ एक ही विनती है कि उनके खेल मैदान से गंदा पानी निकलवा दें ताकि वह खेल पाए.

सोनीपत के गांव के संस्कृति स्कूल की स्थिति बूचड़खाने से कम नहीं

Delhi || Abhay ||  स्कूल में कई जगह गंदा पानी चल रहा है खेल मैदान में कई फुट पानी भरा हुआ है, मच्छर मक्खियां पनप रहे हैं, क्लास रूम में ब्लैक बोर्ड टूटा हुआ है क्लासरूम में बैठने के लिए डेस्क नहीं है ,टूटा हुआ दरवाजा क्लास रूम में एक तरफ रखा हुआ है। सबसे बुरे हालात टॉयलेट के हैं। बेटियों के टॉयलेट पर छत नहीं है।टॉयलट ऐसे हैं मानो खुले में जा रहे हो ,शर्मिंदगी शिक्षा विभाग को नहीं बल्कि बेटियों और ग्रामवासियों को आती है... क्लास रूम से टॉयलेट तक के इतने बदतर हालात में कैसे शिक्षा होगी और कैसे कल के भविष्य निर्माण होगा ।।।यह सबसे बड़ा सवाल और इस सवाल पर प्रशासन आखिर कब जागेगा यह सबसे बड़ा मुद्दा है

टॉयलेट पर लगा हुआ यह ताला और इस पर लगा हुआ जंग इस बात को साबित करता है कि सालों से यह टॉयलेट नहीं खोला गया है और जहां बाथरूम इतने बदतर हैं कि नल और उनके पाइप टूटे हुए है.स्कूल के चारो तरफ गंदा पानी बीमारियों को न्यौता दे रहा है | तो वही स्कूल के गंदे टॉयलेट भी मॉडल संस्कृति स्कूल की बदहाली को दर्शा रहे हैं, जहां स्कूल में पीने के पानी के लिए बच्चे जद्दोजहद करते हो टॉयलेट में बेटियां जाने से भी घबराए और बदबू में जाना भी दुश्वार हो तो कैसे बेटियों की शिक्षा होगी...
बेटियों का कहना है कि स्कूल के खेल ग्राउंड में गंदा पानी भरा हुआ है। गर्ल्स टॉयलेट की बहुत ही बुरे हालात हैं। लड़कियों के टॉयलेट ओपन है जहां बेटियों की सुरक्षा के लिहाज से कोई भी इंतजाम नहीं है और वही स्कूल में लाइट भी नहीं रहती है ,कम्प्यूटर और डिजिटल बोर्ड बिना लाइट के सफेद हाथी बन कर खड़े रहते हैं। वही बारिश आने के बाद खेल मैदान से पानी निकाला नहीं गया है और जिसके कारण स्टेज भी डूबी हुई है। सांप और जहरीले जीव खिड़कियों में से एंट्री कर क्लास रूम में पहुंच जाते हैं ।जहां बच्चों की जान का खतरा बना रहता है। ऐसे बुरे हालात में डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियां फैलने का खतरा भी मंडरा रहा है।

1 .नेहा टीचर नेहा का कहना है वह मॉडल संस्कृति स्कूल और सीबीएसई स्कूल में पढ़ती है और टॉयलेट के हालात काफी गंदे हैं बदबू आती है पानी की व्यवस्था नहीं है और टॉयलेट के ऊपर छत भी नहीं है। टॉयलेट के नजदीक गंदगी फैली हुई है जिसकी सफाई नहीं होती और जिसके चलते कई बार सांप भी निकल आते हैं। 

2 . सुमित सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले का कहना है कि उनके विद्यालय में एक ही प्लेग्राउंड है और वही गंदे पानी से भर गया है अब वह कहां पर जाकर खेलें। और वही उनकी स्टेज भी डूबने वाली है। शिक्षा मंत्री से गुहार लगाते हुए सुमित ने कहा सिर्फ एक ही विनती है कि उनके खेल मैदान से गंदा पानी निकलवा दें ताकि वह खेल पाए।

3 . प्रीत का कहना है कि क्लास रूप में पढ़ाई करने के दौरान गंदे पानी की बदबू आती है जिससे उन्हें क्लास रूम में भी बैठने में दिक्कत होती है। साथ ही मच्छर भी काटते हैं।