सरकारी स्कूल में निजी कोष से लगाए शिक्षक जगा रहे हैं शिक्षा की अलख

शिक्षकों की कमी विभाग दूर नहीं कर पाया और इसे देखते हुए इस स्कूल से पास आउट और प्रदेश के विभिन्न राजकीय स्कूलों में तैनात शिक्षक ही आगे आए हैं। उनके गांव के बच्चों को शिक्षकों की कमी न खले इसके लिए उन्होंने मेरा गांव-मेरा गौरव संगठन बनाया। इस संगठन से 12 लोग जुड़े जिनमें एक बीडीसी और 11 शिक्षक शामिल हैं।

चरखी दादरी || गांव कन्हेटी स्थित शहीद महाबीर सिंह राजकीय कन्या स्कूल के 100 से ज्यादा पूर्व विद्यार्थी विभिन्न राजकीय क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस स्कूल ने प्रदेश को करीब 30 शिक्षक के अलावा अधिकारी भी दिए हैं। अब इस स्कूल में शिक्षकों की कमी हुई तो जहां पढ़े-लिखे ग्रामीण आगे आए वहीं रिटायर्ड शिक्षकों ने शिक्षा की अलख जारी रखने का बीड़ा उठाया। उन्होंने प्रदेश सरकार के ध्यान न देने पर अपने स्तर पर यहां एक शिक्षक की तैनाती कर दी, जिसे वो चंदा एकत्र कर मासिक वेतन भी दे रहे हैं।बता दें कि गांव कन्हेटी राजकीय स्कूल को 1979 में अपग्रेड कर मिडिल स्कूल बनाया गया था। सितंबर 2022 से यहां गणित और विज्ञान के शिक्षक नहीं है। शिक्षकों की कमी विभाग दूर नहीं कर पाया और इसे देखते हुए इस स्कूल से पास आउट और प्रदेश के विभिन्न राजकीय स्कूलों में तैनात शिक्षक ही आगे आए हैं। उनके गांव के बच्चों को शिक्षकों की कमी न खले इसके लिए उन्होंने मेरा गांव-मेरा गौरव संगठन बनाया। इस संगठन से 12 लोग जुड़े जिनमें एक बीडीसी और 11 शिक्षक शामिल हैं। इसके अलावा सेना से रिटायर्ड अधिकारियों के बच्चे भी संगठन का सहयोग कर रहे हैं।

स्कूल की विद्यार्थी अंजली ने बताया कि अध्यापक नहीं होने के कारण कई बच्चे एसएलसी कटवाकर चले गए हैं। गांव ने निजी कोष से शिक्षक लगा दिया है जो उन्हें पढ़ाई करवा रहे हैं। बच्चों ने सरकार से शिक्षकों की कमी पूरी करवाने की मांग उठाई। वहीं स्कूल की एकमात्र संस्कृत की रेगुलर शिक्षक राजवंती देवी ने बताया कि उसके अलावा एक अन्य गेस्ट टीचर है। बच्चों का भविष्य के लिए वे अपने स्तर पर सभी विषयों की पढ़ाई करवाने का प्रयास कर रहे हैं। अब ग्रामीणों ने संस्था बनाकर निजी कोष से स्कूल में अध्यापक भेजा है। बताया कि शिक्षकों की कमी को लेकर संबंधित अधिकारियों को कई बार पत्र लिखे हैं, आश्वासन मिला है कि जो समाधान हो जाएगा। गांव के रिटायर्ड हेडमास्टर संतराम ने बताया कि गांव के राजकीय स्कूल से पढ़कर ही हेडमास्टर के पद तक पहुंचा। मेरे जैसे और भी कई हैं इस स्कूल से पढ़कर उच्च पदों तक पहुंचे हैं। हम सभी ने मिलकर संस्था बनाई और संस्था ने गणित व विज्ञान पढ़ाने के लिए एमएससी पास शिक्षक तैनात किया, जिसे गत अप्रैल से मासिक वेतन भी दिया जा रहा है। शिक्षक का वेतन संस्था सदस्य एकत्र करते हैं।