भिवानी मिड डे मील कर्मीयों ने किया जोरदार प्रदर्शन!

भिवानी || 19 नवम्बर 2023,मिड डे मील वर्कर्स यूनियन हरियाणा,के आह्वान पर मिड डे मील कर्मीयों ने नेहरू पार्क भिवानी से हांसी गेट, पुराना बस अड्डा होते हुए उपायुक्त कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन करके जिला उपायुक्त के मार्फत मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार के नाम ज्ञापन सौपा।

भिवानी ||मिड डे मील वर्कर्स यूनियन हरियाणा,के आह्वान पर मिड डे मील कर्मीयों ने नेहरू पार्क भिवानी से हांसी गेट, पुराना बस अड्डा होते हुए उपायुक्त कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन करके जिला उपायुक्त के मार्फत मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार के नाम ज्ञापन सौपा। यूनियन ने सरकार से मिड डे मील कर्मीयों को पक्का करने, तब तक 26000 रूपये न्यूनतम वेतन लागू करने, मिड डे मील कर्मीयों को 12 माह का वेतन, वेतन हर माह की 7 तारिख तक भुगतान, व खाते से भुगतान, वर्दी भत्ता कम से कम 2000रूपये करने, 2 लाख रूपये रिटायरमैंट बेनिफिट, पी.एफ, ईएसआई लागू करने, मर्ज के नाम पर बन्द स्कूलों की मिड डे मील वर्कर्स को समायोजित करे, बेगार पर रोक लगाने की मांग की गई। आज के रोष प्रदर्शन व रोष सभा की अध्यक्षता सुदेश रिवासा व संचालन सीटू जिला सचिव अनिल कुमार ने किया।

मिड डे मील कर्मियों को सम्बोधित करते हुए यूनियन राज्य उपाध्यक्ष व सीटू राज्य महासचिव का. जयभगवान ने कहा कि समाज के सबसे कमजोर हिस्से से आने वाली मिड डे मील वर्कर्स का देश व प्रदेश की सरकार लगातार शोषण जारी हैं।भाजपा-जजपा सरकार की नीतियों के चलते मंहगाई व बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई है। मिड डे मील कर्मीयों का कमरतोड मंहगाई में 7000 रूपये मानदेय मे गुजारा नही हो सकता। कई सालों से मोदी सरकार ने मिड डे मील कर्मियों  के वेतन में कोई बढौतरी नही की हैं उपर से मोदी सरकार ने मिड डे मील योजना को बदल कर पीएम पोषण योजना कर दिया जिसके चलते मिड डे मील कर्मियों  पर काम का दबाव बढ गया है। आज हरियाणा सरकार की ओर से मिड डे मील कूक पर भारी दबाव बनाया जा रहा है। मिड डे मील के नये मीनू के कारण आज मिड डे मील कूक भारी तनाव में है। केन्द्र सरकार भी आये साल मिड डे मील के बजट में भारी कटौती कर रही है। केन्द्र सरकार श्रम सम्मेलनों की शिफारिसों को लागू नही कर रही है। जिसमे  परियोजना कर्मीयों को कर्मचारी का दर्जा देने के लिए कहा गया। जब तक न्यूनतम वेतन लागू करने की शिफारिश की गई है। मिड डे मील वर्कर्स ने आशा वर्कर्स के आन्दोलन का समर्थन करते हुए सरकार से जल्द से जल्द आशा कर्मीयों की बातचीत के द्वारा समाधान की मांग की है।