गुरुग्राम- वृद्धा आश्रम में पहुंचे सांसद कार्तिकेय शर्मा ने मनाया लोहड़ी

वृद्धा आश्रम में पहुंचे सांसद कार्तिकेय शर्मा ने लोहड़ी का पर्व मनाया. मुश्किल दौर में जिन बुजुर्गों को उनके अपनों ने छोड़ा वृद्ध आश्रम में उन बुजुर्गों के बीच पहुंच उनके साथ सांसद कार्तिकेय शर्मा ने मनाया पर्व.

गुरुग्राम- वृद्धा आश्रम में पहुंचे सांसद कार्तिकेय शर्मा ने मनाया लोहड़ी

|| Gurugram || Aditya Kumar || समाज सेवा ही सबसे उत्तम कार्य है। जो लोग इस कार्य में बढ़चढ़कर भाग लेते हैं उन्हें भगवान हमेशा आशीर्वाद देते हैं। सांसद कार्तिके शर्मा की माने तो जिन बुजुर्गों को उनकी मुश्किल घड़ी में इन बुजुर्गों के अपनो ने वृद्धा आश्रम में छोड़ दिया था ऐसे बुजुर्गों से मिलने के लिए बंधवाड़ी स्थित दी अर्थ सेवियरस फाउंडेशन नामक एनजीओ में पहुंचे और उनके साथ लोहड़ी का पर्व मनाया।  लोहड़ी के पावन पर्व पर गुरुग्राम पंहुचे सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि समाज में आज ऐसे संस्थानों के आवश्यकता है जो बेसहारा लोगों की दिल खोलकर मदद करें।सांसद की माने तो बुजुर्गों की सेवा से सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है। इसी कार्य को दी अर्थ सेवियरस फाउंडेशन के यश कालरा अपने पिता स्‍वर्गीय रवि कालरा की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। संस्थान में जिस तरह से सुविधाएं लोगों को दी जा रही हैं उससे बेसहारा लोगों का जीवन सुगम हो रहा है। कार्तिके शर्मा ने कहा कि जो भी जरूरतमंद हैं उनकी सहायता करना समाज के प्रत्येक व्यक्ति का फर्ज बनता है।

कार्तिकेय शर्मा ( सांसद राज्यसभा )  ने कहा आज के दौर में बच्‍चों की अनदेखी के कारण बुजुर्गों को घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है। युवाओं से अपील करते हुए सांसद ने कहा कि युवा इस बात को समझें कि बुजुर्गों के कारण ही घर में रौनक होती है और वे ही वास्‍तव में घर के संरक्षक होते हैं। ऐसे में युवाओं को बुजुर्गों की भावनाओं को समझते हुए उन्‍हें संभाल कर रखना चाहिए। जिस घर में बुजुर्ग नहीं, भले ही वह आलीशान हो, उसका कोई मतलब नहीं रह जाता है। उन्‍होंने कहा कि बुजुर्गों की सेवा में ही सच्‍चा सुख मिलता है। अगर आप अपने माता-पिता की सेवा करते हैं तो यह मानकर चलिए कि आप अपना भविष्‍य निखार रहे हैं।

इस दौरान सांसद कार्तिक शर्मा ने आश्रम के सभी सदस्‍यों के साथ मिलकर लोहड़ी कार्यक्रम में सभी को शुभकामनाएं दीं। उन्‍होंने उपहार स्‍वरूप, कंबल और अन्‍य जरूरत का सामान वितरित किया। उन्‍होंने कहा कि यहां आकर उन्‍हें बहुत अच्‍छा लगा और वे आगे भी आश्रम की हर संभव मदद करेंगे। इस दौरान उन्‍होंने बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया और छोटोंं को स्‍नेह दिया।