धनौरा एस्केप में छोड़े जा रहे जहरीले पानी को लेकर ग्रामींणो में रोष।

32 गांवों के पास से गुजर रही धनौरा एस्केप नदी में फैक्टरियों का गंदा जहरीला व कैमिकल युक्त पानी बेरोकटोक बदस्तूर बह रहा है। इसी को लेकर इंद्री के गांव ड़बकौली कलां के लोगों ने रोष जताया। ग्रामींणो का कहना था कि क्षेत्रीय लोगों व किसान यूनियन द्वारा धनौरा एस्केप में हो रहे जल प्रदूषण को रोकने के लिए आवाज जब भी उठाई गई तो नेताओं द्वारा जनता को केवल आश्वासन ही मिला। लेकिन इस सरकार में भी पिछले साढ़े 9 साल से आजतक धनौरा एस्केप में फैक्टरियों द्वारा गंदा पानी छोड़े जाना बंद नही हुआ। बतादें कि कुछ साल पहले भाकियू ने भी ये धनौरा एस्केप में छोड़े जा रहे गंदे पानी को रोकने के लिए अभियान छेड़ा था। लेकिन इसका कोई असर नही हुआ। किसान नेता ओमपाल मंढाण डबकौली कलां ने बताया कि उस समय उन्हे नदी में छोड़े जा रहे गंदे पानी को रोकने का केवल आश्वसन मिला था। लेकिन इतना लंबा समय गुजर जाने के बाद भी इसमें गंदा पानी ऐसे ही छोड़ा जा रहा है।

ग्रामींणो ओमपाल,ने बताया कि धनौरा एस्केप में फैक्टरियों द्वारा जहरीला व गंदा पानी छोड़ा जा रहा है। गंदे व जहरीले पानी से भूमि का जलस्तर खराब हो रहा है। जिसके कारण गांव में लगे नलकों का पानी भी दूषित होने लगा है। जिससे पेयजल जहर बन रहा है।  इस गंदे पानी से न केवल धनौरा एस्केप के आस-पास के गांव की आबादी प्रभावित हो रही है, बल्कि पशुओं व जानवरों पर भी इसका बुरा प्रभाव रहा है। लोग किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त हो रहे हैं। ग्रामींणो ने यह भी कहा कि सरकार किसानों पर तो जुर्माना लगा रही अवशेष जलाने पर लेकिन नदी का पानी फैक्टरियों द्वारा दूषति किया जा रहा और यमुना को प्रदूषित कर रहा उस कार्रवाई सरकार द्वारा नही की जा रही। सरकार को चाहिए तुरंत प्रभाव से रोक लगाए और ऐसी फैक्टरियों को बंद किया जाए जो पानी को प्रदूषित कर रही है। 

ग्रामीण दिलावर ने कहा की  धनौरा एस्केप में छोड़े जा रहे कैमिकलयुक्त पानी को रोकने के लिए अनेक बार संबंधित अधिकारियों व प्रदूषण विभाग को शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन लोगों की परेशानी को दूर करने की बजाय अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हुए हैं। लोगों ने सरकार के रवैये पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि क्या यही प्रधानमंत्री मोदी जी का स्वच्छता अभियान है! सरकार इस पर मौन क्यों है। लोगों ने कहा कि सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के दावे केवल दावे हैं।