भूख की तड़प या पति का मोह ,आखिर किसने किया एक माँ को अपने ही संतान का सौदा करने पे मजबूर

मजबूर माँ के पास और कोई चारा नहीं था । घर मे खाना नहीं हैं और अपने गोद में अपनी भूखी बच्ची को मरते देखा नहीं जाता । अब आखिर माँ तो माँ होती हैं । विरह से ज्यादा अपनी बच्ची की ज़िंदगी की परवाह करते हुए उस माँ ने आखिर कार अपनी 6 साल की नन्ही मुसकुराती बेटी को बेचने का फैसला कर लिया । लेकिन उसे क्या मालूम था कि उसका ये फैसला उसे पुलिस थाने मे ला खड़ा कर देगा ।

भूख की तड़प या पति का मोह ,आखिर किसने किया एक माँ को अपने ही संतान का सौदा करने पे मजबूर

भूख की तड़प या पति का मोह ??  आखिर किसने किया एक माँ को अपने ही संतान का सौदा करने पे मजबूर ?? आखिर क्यों अपना ही बच्चा बेचने निकली दुखियारी माँ ? क्या एक माँ कर सकती हैं अपने संतान का सौदा...? जब भूख की आग इंसान को जलाने लगती हैं तब इंसान कुछ भी करने को मजबूर हो जाता हैं । विकल्पो के अभाव में वो अच्छे या बुरे में फर्क करना भूल जाता हैं । कहते हैं कि पेट की पीड़ा सबसे बड़ी पीड़ा होती हैं । इस माँ के लिए ये फैसला करना कितना मुश्किल रहा होगा कि वो पेट के लिए खाना चुने या उसी पेट से पैदा हुई अपनी औलाद... । कुछ ऐसा ही दिल को झकझोर देने वाला वाकया सामने आया दिल्ली के नरेला स्थित स्वतंत्र नगर में, जहा एक माँ ने ही अपने बच्चे के दाम लगा दिये और उसका सौदा कर दिया । शुरू में जब बच्चा बेचने कि इस बात को आसपास के लोगो ने सुना तो उसे बच्चा चोर समझा और पुलिस को इसकी सूचना दी । लेकिन ना चाह कर भी अपने बच्चे को बेचती एक मजबूर माँ अपनी सफाई दे भी तो कितनी?? उसकी सुने भी तो कौन ... ? गुनहगार तो वो खुद कि नजरों मे पहले से ही थी । अब ऐसे हालात में समाज ने बच्चा बेचने वाले और चोर का मुहर लगा दिया तो बस लगा दिया ... और उठा कर ले गई पुलिस उसे हवालात के पीछे । ( स्वतंत्र नगर के लोग जो आरोप लगा रहें हैं )हालांकि इन लोगों के आरोप में इनकी कोई गलती नहीं हैं । अभी दिल्ली और आसपास में बच्चा चोरो का काफी हल्ला हैं । इस अफवाह के वजह से कई बेक़सूरों को भी भीड़ द्वारा मारने पीटने की घटनाए सामने आई है । अब ऐसे डर के माहौल में कोई बच्चा बेचने को आ जाये तो किसी को भी शक हो जाएगा ।लेकिन क्या हैं आखिर सच...? ये अब आपको अब बताते हैं..दरअसल खुद को प्रमिला देवी बताने वाली इस महिला ने बताया कि उसका पति अशोक पेंटर उसे उस 6 साल की नन्ही बच्ची, जिसका नाम खुशी हैं ,के साथ अपनाने को तैयार नहीं हैं, और 10 दिनों से उसे छोड़ कर कहीं फरार हैं । ना माँ को खाने के लिए खर्च दे रहा हैं ना नन्ही बच्ची को । पति के रोज रोज के दबाव और झगड़े से तंग आकार उसने ये फैसला लिया । इसके पहले भी वो इस 6 साल कि बच्ची को 5000 रुपयों में बेच चुका हैं लेकिन बाद इस माँ ने केस मुकदमे लड़ कर अपनी बेटी को वापस हासिल किया था । पति का कहना हैं कि वो उस नन्ही बच्ची खुशी की परवरिश ठीक से नहीं कर पाएगी । उसने बताया कि उसके दो और बच्चे आश्रय गृह में पल पोष रहें हैं