जींद में बाप बेटे को मानवता का धर्म निभाया पड़ा भारी, बेटे की हत्या...

जींद में जब बाप बेटे ने मानवता का धर्म निभाया तो बेटे की हत्या कर दी गयी और बाप को अधमरा कर दिया गया। ऐसे में आगे से कौन निभाएगा मानवता का धर्म। नाडा गांव का 22 वर्षीय विकास अपने पिता के साथ कार में सवार हो सफीदों की तरफ जा रहा था।

जींद में बाप बेटे को मानवता का धर्म निभाया पड़ा भारी, बेटे की हत्या...

जींद (परमजीत पवार) || जींद में जब बाप बेटे ने मानवता का धर्म निभाया तो बेटे की हत्या कर दी गयी और बाप को अधमरा कर दिया गया। ऐसे में आगे से कौन निभाएगा मानवता का धर्म। नाडा गांव का 22 वर्षीय विकास अपने पिता के साथ कार में सवार हो सफीदों की तरफ जा रहा था। इस दौरान खेड़ा खेमावती निवासी 24 वर्षीय लाभ सिंह भी बाइक पर जा रहा था। जब विकास पाजू मोड़ पर पहुंचा तो उसकी कार की टक्कर बाइक से हो गई। इस दुर्घटना में लाभ सिंह को चोटें आई। इसके बाद घायल लाभ सिंह को विकास और उनके पिता मानवता का परिचय देते हुए अपनी कार में बैठाकर उसके घर छोड़ने चल पड़े। जब ये गांव खेड़ा खेमावती स्थित उनके घर पहुंचे तो लाभ सिंह के परिजनों ने विकास को पकड़ लिया। आरोप है कि इस दौरान बाप बेटे की लाठी-डंडों के साथ जमकर खूब मारपिटाई की गयी। जिससे विकास गंभीर रूप से घायल हो गया जिसको इलाज के लिए पीजीआई रोहतक ले जाया गया जहां विकास ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया जबकि उसका पिता पीजीआई रोहतक में उपचाराधीन है। इस मामले में पुलिस ने 5 से ज्यादा आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज़ कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है लेकिन बड़ा सवाल जब बाप बेटे ने मानवता के नाते घायल लाभ सिंह को उसके घर तक छोड़ने चले गए थे तो फिर क्यों बाप बेटे पर यूं मानवता को तार तार करते हुए इतना बड़ा हमला बोला गया की बेचारे बेटे की तो जान चली गयी जबकि पिता जिंदगी व् मोत के बीच झुज रहा है। क्या ऐसी घटना होने एक बाद भविष्य में कोई व्यक्ति घायल को हॉस्पिटल या उसके घर तक पहुँचाने की हिम्मत कर पायेगा |