फ़तेहाबाद : मनरेगा मजदूरी कम देने पर मजदूरों ने किया रोड जाम...

मनरेगा मजदूरी कम देने को लेकर मनरेगा मजदूरों का हंगामा, गांव अयालकी में फ़तेहाबाद-टोहाना रोड पर मजदूरों ने लगाया जाम |

फ़तेहाबाद : मनरेगा मजदूरी कम देने पर मजदूरों ने किया रोड जाम...
फतेहाबाद (सतीश खटक) || मजदूरी कम देने को लेकर मनरेगा मजदूरों का हंगामा, गांव अयालकी में फ़तेहाबाद-टोहाना रोड पर मजदूरों ने लगाया जाम, मनरेगा मेट पर लगाए मारपीट के आरोप प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने पर मजदूरों ने खोला जाम, सरपंच प्रतिनिधि बोले मजदूरी कम देने को लेकर था विवाद, मजदूरों के साथ मारपीट किसने की इसके बारे में जानकारी नहीं, मजदूरों को सरकार के नियमों के अनुसार मजदूरी देने का आश्वासन देकर खुलवाया गया है जाम, मौके पर पहुंचे बीडीपीओ बोले-मेरे पहुंचने तक जाम खुल चुका था, प्रशासनिक अधिकारियों ने मजदूरों से की बात, किसी भी व्यक्ति की लापरवाही रही है तो उसके खिलाफ होगी कार्रवाई, मनरेगा मजदूरों ने लगाया आरोप, पहले ₹309 मिलती थी मजदूरी, अब मनरेगा मजदूरों से काम करवाने वाले मेट कह रहे हैं 250 रुपये में मजदूरी करने की बात, मनरेगा मजदूरों को पूरी मजदूरी दिलवाले प्रशासन ने दिया आश्वासन।
फतेहाबाद के गांव अयालकी में आज मनरेगा मजदूरों ने फतेहाबाद टोहाना रोड पर जाम लगाकर बड़ा हंगामा किया। मनरेगा मजदूर मजदूरी कम मिलने की बात से नाराज थे और उनसे काम करवाने वाले मनरेगा मेट पर मजदूरों ने मारपीट करने के भी आरोप लगाए। रोड जाम की सूचना मिलने पर प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और मजदूरों से बातचीत की। मौके पर मौजूद तहसीलदार डीडीपीओ और एडीसी ने मजदूरों को सरकार द्वारा तय उचित मजदूरी दिलवाने का आश्वासन देकर जाम खुलवाया।
प्रशासनिक अफसरों को मौके पर मौजूद मजदूरों ने बताया कि आज जब वे मजदूरी के लिए पहुंचे तो गांव के मनरेगा में मेट ने उन्हें बताया कि मजदूरी के लिए केवल ₹250 ही दिए जाएंगे जबकि पहले मनरेगा मजदूरों को 309 रूपये प्रति व्यक्ति मजदूरी मिलती थी। मजदूरों के हंगामे के बाद कुछ मजदूरों ने आरोप लगाया कि मनरेगा मेट ने मजदूरों से मारपीट की और उसके बाद गुस्साए मजदूरों ने रोड जाम कर दिया। मौके पर पहुंचे सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि मजदूरों से मारपीट किसने की इस बात की जानकारी उन्हें नहीं है लेकिन हंगामा मजदूरी कम करने को लेकर हुआ। वही मौके पर पहुंचे बीडीपीओ ने बताया कि उनके पहुंचने तक जाम खुल चुका था। विवाद मनरेगा मजदूरी कम मिलने को लेकर था और मजदूरों द्वारा रोड जाम करने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने मजदूरों को उचित मजदूरी देने का आश्वासन दिया है, जिसके बाद जाम खोल दिया गया।