लमपी बीमारी ने अब लावारिस गायों और जंगली पशुओं को घेरा

लावारिस पशुओं की वैक्सीनेशन के लिए पंचायतों और नगर निगम से ली जाएगी सहायता , पशुओं का वैक्सीनेशन ही एकमात्र सहारा है और इसमें राहत की बात यह है की इस संक्रमण का असर आदमियों में नहीं होगा

लमपी बीमारी ने अब लावारिस गायों और जंगली पशुओं को घेरा

Delhi || Abhay || रोहतक मे लावारिस गायों का वैक्सीनेशन ना हो पाने के कारण अब लम्पि बीमारी ने दूसरे पशुओं और जंगली पशुओं को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। जिस कारण पशुपालकों में दहशत का माहौल पैदा हो गया है।  रोहतक के उपायुक्त यशपाल यादव ने बताया कि जिले में 100% गायों में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है अब प्रशासन ग्राम पंचायत और नगर निगम की सहायता सहायता से लावारिस गायों मैं वैक्सीनेशन की तैयारी में जुट गया है। पशु वैज्ञानिक डॉ एस पी शर्मा के अनुसार पशुओं को लंपी बीमारी से बचाने के लिए वैक्सीनेशन ही एकमात्र सहारा है जबकि अफ्रीकन स्वाइन फीवर का कोई इलाज नहीं है । राहत की बात यह है कि इन दोनों वायरस  का इंसानों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। लेकिन संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने पर अपने हाथों को साबुन से जरूर साफ करना चाहिए।

हरियाणा के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय हिसार से पासआउट और बोत्सवाना यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे पशु वैज्ञानिक डॉ एस पी शर्मा ने पशुपालकों को आगाह करते हुए कहा है कि पशुओं को लंपी बीमारी से बचाने के लिए वैक्सीन का टीका जरूर लगवाएं और संक्रमित पशुओं को फिटकरी, नीम के पानी और अन्य एंटीसेप्टिक दवाइयों से साफ करते रहें और इम्युनिटी बढ़ाने के लिए हल्दी देते रहें । लंपी वायरस संक्रमित गायों पर मच्छर, मक्खी बैठने के बाद स्वस्थ पशु को काटने और संक्रमित पशु के स्वस्थ पशु के संपर्क में आने से लंबी बीमारी फैल रही है। यह बीमारी गाय के अतिरिक्त भैंस बकरी और भेड़ों में भी फैल सकती है। इसलिए संक्रमित पशु को बीमारी ठीक होने तक अकेले में ही रखना चाहिए। डॉक्टर एसपी शर्मा ने बताया की अफ्रीकन स्वाइन फीवर केवल पालतू और जंगली सूअर में ही होता है और इसका कोई इलाज नहीं है यह वायरस परजीवी से फैलता है सूअर की मौत के बाद उसे अच्छी तरह दफनाना चाहिए और उसके बाड़े को जला देना चाहिए ताकि यह वायरस ज्यादा ना फैल सके।  उन्होंने कहा की अफ्रीकन स्वाइन फ्लू कोई बीमारी नहीं है जबकि स्वाइन फ्लू वायरस इंसानों को अपनी चपेट में लेता है लंपी वायरस लावारिस गायों और जंगली पशुओं जैसे नीलगाय ,हिरण, चीतल आदि में फैलने के बाद पशुपालकों में दहशत का माहौल है सोमबीर शर्मा पशुपालक के अनुसार उनकी गौशाला में अभी तक दो गाय चपेट में आई थी जिसका समय रहते उन्होंने इलाज करवा दिया है उन्हें डर है कि कहीं यह वायरस दूसरे पशुओं को प्रभावित ना कर दे ।