यमुना में गंदगी देख बैसाखी पर परेशान हुए श्रद्धालु

यमुना के बीच में जाते सीधे गंदे नाले आप देख सकते हैं। एक दो नहीं दर्जनों ऐसे गंदे नाले हैं जो बिना ट्रीट किए सीधा यमुना में बहाए जा रहे हैं। यमुना के किनारे ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए थे ताकि यह सीवरेज का पानी शुद्ध करके उसे यमुना में डाला जाए। जो ट्रीटमेंट प्लांट लगे हैं वह भी पूरी तरह काम नहीं करते । इसके अलावा बहुत से नाले ऐसे हैं जो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में जाने की बजाए सीधा यमुना और वेस्टर्न जमुना में जा रहे हैं। इसी के चलते यमुना बुरी तरह दूषित हो चुकी है। यहां आने वाले श्रद्धालु मायूस हैं, परेशान हैं ।

यमुनानगर || यमुनानगर में यमुना गली और यमुना का किनारा किसी समय वैशाखी के पर्व पर चहल-पहल भरा होता था। दूर-दूर से लोग अपने बच्चों को साथ लेकर यहां यमुना में स्नान करते थे। आज के दिन यमुना का पानी  अपने बच्चों को आचमन कराते थे, लोग यहां आकर बच्चों के मुंडन करवाते थे। लेकिन अब यह बीते समय की बातें हो चुकी हैं।  कारण है यमुना का रखरखाव ना होना, यमुना में सीवरेज का पानी डालना, यमुना के घाट इतनी बुरी तरह दूषित हो चुके हैं कि यहां खड़ा होना भी मुश्किल है । यमुना के बीच में जाते सीधे गंदे नाले आप देख सकते हैं। एक दो नहीं दर्जनों ऐसे गंदे नाले हैं जो बिना ट्रीट किए सीधा यमुना में बहाए जा रहे हैं। यमुना के किनारे ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए थे ताकि यह सीवरेज का पानी शुद्ध करके उसे यमुना में डाला जाए। जो ट्रीटमेंट प्लांट लगे हैं वह भी पूरी तरह काम नहीं करते । इसके अलावा बहुत से नाले ऐसे हैं जो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में जाने की बजाए सीधा यमुना और वेस्टर्न जमुना में जा रहे हैं। इसी के चलते यमुना बुरी तरह दूषित हो चुकी है। यहां आने वाले श्रद्धालु मायूस हैं, परेशान हैं। सरकार से अपील कर रहे हैं और बीते दिनों को याद करते हैं ।

श्री यमुना बचाओ समिति के अध्यक्ष महेंद्र मित्तल का कहना है कि वैशाखी पर लोग दूर-दराज से यहां आते थे, बच्चों को यमुना के पानी का आचमन कराते  थे, लेकिन अब वह स्थिति इस समय नहीं है । उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल से अपील की है कि श्री यमुना जी को बचाया जाए, यमुना को शुद्ध किया जाए ।

यमुना में एक दो  नहीं दर्जनों ऐसे नाले गिर रहे है, इसी से यमुना पिछले कई वर्षों से दूषित हो रही है। यमुना को दूषित होने से बचाने के लिए सरकार की कई योजनाएं हैं,लेकिन उन योजनाओं का कोई लाभ यमुना को स्वच्छ करने में नजर नहीं आ रहा। आज हालात यह हो गए हैं कि यमुना एक गंदे नाले की तरह हो चुकी है।  कभी इस यमुना में स्नान करके लोग पुण्य के भागी बनते थे। अब यमुना में स्नान करना बीमारियों को जन्म देने वाला साबित होने लगा है । इसी के चलते लोग सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि आने वाले समय में यमुना की शुद्धि के लिए भी गंगा की शुद्धि की तरह कोई प्रोजेक्ट बनेगा और उस पर कार्य होगा ।