बेमौसम बारिश ने छलकाए किसानों के आंसू, ओलावृष्टि से दो लाख एकड़ फसल हुई बर्बाद

ओलावृष्टि ने कई महीनों की मेहनत से तैयार हुई फसल को बर्बाद कर दिया है, वहीं कृषि विभाग की 40 सदस्यी टीम फील्ड में उतरते आंकलन में जुट गई है। कृषि विभाग केहुए नुकसान के  आंकड़ों के अनुसार करीब दो लाख एकड़ सरसों व गेहूं की फसलाें में 50 से 75 फीसदी तक नुकसान हुआ है।

बेमौसम बारिश ने छलकाए किसानों के आंसू, ओलावृष्टि से दो लाख एकड़ फसल हुई बर्बाद

चरखी दादरी (प्रदीप शाहू) || पिछले तीन दिनों हुई बेमौसम भारी बरसात और ओलावृष्टि अपने साथ खेती-किसानी के लिए आफतों की सौगात लेकर आई। इस कुदरती आपदा ने बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे के लिए किसानों को हाथ फैलाने पर मजबूर कर दिया है। बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने किसानों को बुरी तरह तबाहकर उनका सुख-चैन छीन लिया है। कुछ इलाकों में तो अपनी फसल की बर्बादी से हताश होकर किसानों ने आत्महत्या तक करने की बात कही है। कृषि विभाग के आंकड़ों की बात की जाए तो कुदरत की मार से करीब दो लाख एकड़ सरसों व गेहूं की फसलों को 80 फीसदी तक नुकसान हुआ है।

सर्दी के माैसम में पहले ही फसलों पर पाला की मार झेल चुके किसानों पर लगातार हो रही बारिश व ओलावृष्टि ने दोहरी मार की है। ऐसे में किसान आंसू बहाने को मजबूर हो रहे हैं। ओलावृष्टि ने कई महीनों की मेहनत से तैयार हुई फसल को बर्बाद कर दिया है, वहीं कृषि विभाग की 40 सदस्यी टीम फील्ड में उतरते आंकलन में जुट गई है। कृषि विभाग केहुए नुकसान के  आंकड़ों के अनुसार करीब दो लाख एकड़ सरसों व गेहूं की फसलाें में 50 से 75 फीसदी तक नुकसान हुआ है।

किसानों ने रोते हुए खेतों में बर्बाद फसलों को लेकर आपबीती सुनाते हुए कहा कि साहब… पहले तो पाले ने और अब बारिश के साथ ओलावृष्टि ने दोहरी मार कर दी। ऐसे में उनके अरमानों पर पानी फिर गया है। किसान सहीराम, धर्मपाल, राजेश व कपूर सिंह इत्यादि किसानों का दर्द जुबां पर आया और कहा कि उनका सबकुछ खेती पर ही निर्भर है। मौसम व कुदरत की मार ने किसानों को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ेगा। पहले ही कर्ज लेकर खेती में लगाया और अब उनकी फसलें बर्बाद होने से परिवार का पालन-पोषण करने के लिए फिर से कर्ज लेना पड़ेगा। बेमौसम बारिश से कटाई के लिए तैयार खड़ी गेहूं और सरसों की फसलें खेतों में ही बिछ गई हैं।  

कृषि विभाग की टीमें फील्ड में, नुकसान कर होगा आंकलन

कृषि विभाग के उपमंडल अधिकारी डा. कृष्ण कुमार ने बताया कि बारिश व ओलावृष्टि से हुए नुकसान के आंकलन के लिए विभाग की टीमें फील्ड में उतरी हैं। अब तक के रिकार्ड अनुसार करीब दो लाख एकड़ सरसों, गेहूं व अन्य फसलों में 75 फीसदी तक नुकसान हुआ है। विभाग द्वारा जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेज दी जाएगी।