राष्ट्रपति से सम्मानित शहीद की प्रतिमा खंडित, बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान हुए थे शहीद...

2005 में गाड़ी लूट की योजना बनाकर ट्रेजरी से कैश लूटने वाले आरोपियों से भिड़ंत में रोहतक जिले से चिड़ी गांव के शहीद हवलदार रामकिशन की गांव में लगी प्रतिमा को अज्ञात लोगों द्वारा तोड़ दिया गया जिसके बाद गांव में तनाव का माहौल न हो इसके लिए पुलिस और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल की।

राष्ट्रपति से सम्मानित शहीद की प्रतिमा खंडित, बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान हुए थे शहीद...

Rohtak (Harshvardhan) || 2005 में गाड़ी लूट की योजना बनाकर ट्रेजरी से कैश लूटने वाले आरोपियों से भिड़ंत में रोहतक जिले से चिड़ी गांव के शहीद हवलदार रामकिशन की गांव में लगी प्रतिमा को अज्ञात लोगों द्वारा तोड़ दिया गया जिसके बाद गांव में तनाव का माहौल न हो इसके लिए पुलिस और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल की। हवलदार रामकिशन को बहादुरी के लिए मरणोपरांत राष्ट्रपति से वीरता पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। बहराल परिजनों ने जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़ने की गुहार लगाई है। हवलदार रामकिशन सोनीपत के बरोदा थाने में बतौर हवलदार के पद पर तैनात था जो पेट्रोलिंग के दौरान तीन आरोपियों से भीड़ गया और उनमें से एक ने गोली मारकर रामकिशन की हत्या कर दी।

गांव चिड़ी में सोमवार की रात को अज्ञात लोगों ने चिड़ी निवासी हरियाणा पुलिस में कार्यरत रहे शहीद हवलदार रामकिशन की प्रतिमा से सिर को धड़ से अलग कर दिया। जिससे गांव में रोष है। बता दें कि मगंलवार को सुबह जब रामकिशन का बेटा साहिल अपने साथियों के साथ घूमने के लिए जब पार्क की ओर जा रहे थे तो रविदास मंदिर के पास स्थित उसके पिता रामकिशन की प्रतिमा क्षतिग्रस्त थी।

उसने इसकी सूचना अपने ताऊ विकास को दी। विकास परिवार को लेकर घटना स्थल पर गए। कुछ समय बाद सैंकड़ो लोग वहां एकत्रित हो गए। ग्रामीणों ने लोगों से अपील करते हुऐ कहा की गांव का भाईचारा न बिगड़े ऐसा कोई भी काम ना करें। पुलिस मौके पर पहुंची और कार्रवाई शुरू की। बता दें कि रामकिशन कथूरा व गोहाना के बीच बदमाशों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। रामकिशन सोनीपत जिले में हवलदार के पद पर नौकरी करता था।


दरसल रामकिशन अपने  साथी रणधीर के साथ 20 अप्रैल 2005 को राइडर पर गोहाना व कथूरा के बीच पेट्रोलिंग कर रहे थे। रास्ते में तीन व्यक्तियों को स्कूटर के साथ संदिग्ध अवस्था में खड़े हुए देखा। उन्होनें जब उनसे पूछा की यहां क्या कर रहे हो। पूछताछ करते समय अचानक उनमें से एक व्यक्ति ने बाइक पर पीछे बैठे रणधीर को गोली मारी तथा उसकी कार्बाइन छीन ली। रामकिशन उसी वक्त उन पर खाली हाथ ही टूट पड़ा। उसने उनके साथ तब तक मुकाबला किया जब तक वह वीरगति को प्राप्त नही हुआ।

हालांकि पुलिस ने उन्हे कुछ दिन बाद ही हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस  पूछताछ में पता चला था की तीनों बदमाश किसी गाड़ी को लूटने की फिराक में थे और गाड़ी लूटकर जींद जिले की तहसील जुलाना में स्थित ट्रेजरी को लूटने की योजना थी। रामकिशन को उनकी बहादुरी के लिए मरणोपरांत राष्ट्रपति से वीरता पुरुस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है।