पटवारियों की हड़ताल राजनीतिक स्टंट नहीं, जनहित को लेकर हैं
सरकार द्वारा तारिख पे तारिख दी जा रही है, उनकी मांगे नहीं मानी जा रही हैं। जनता की परेशानी देखी नहीं जा रही हैं। यह कहना है हड़ताल पर गये पटवारी व कानूनगो का। जो दादरी के लघु सचिवालय में पिछले 3 जनवरी से हड़ताल पर हैं और मांगों को लेकर लघु सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे हैं। धरनारत पटवारियों ने कहा कि उनकी हड़ताल राजनीतिक स्टंट नहीं बल्कि जनहित को लेकर वे हड़ताल पर हैं। इस दौरान पटवारियों ने 8 फरवरी को सिरसा में डिप्टी सीएम के निवास का घेराव करने की रणनीति बनाते हुए रोष प्रदर्शन किया।
चरखी दादरी। सरकार द्वारा तारिख पे तारिख दी जा रही है, उनकी मांगे नहीं मानी जा रही हैं। जनता की परेशानी देखी नहीं जा रही हैं। यह कहना है हड़ताल पर गये पटवारी व कानूनगो का। जो दादरी के लघु सचिवालय में पिछले 3 जनवरी से हड़ताल पर हैं और मांगों को लेकर लघु सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे हैं। धरनारत पटवारियों ने कहा कि उनकी हड़ताल राजनीतिक स्टंट नहीं बल्कि जनहित को लेकर वे हड़ताल पर हैं। इस दौरान पटवारियों ने 8 फरवरी को सिरसा में डिप्टी सीएम के निवास का घेराव करने की रणनीति बनाते हुए रोष प्रदर्शन किया।
धरने पर पटवारियों ने प्रधान कुलबीर सांगवान, तहसील प्रधान रामभगत पटवारी व संजीव श्योराण की अगुवाई में सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया और कहा कि सरकार उनकी मांगों का समाधान करवाने की बजाये पटवारियों की एकता को खत्म कर अपना स्वार्थ साधने का काम कर रही है। सरकार को उनके प्रतिनिधि मंडल से सीधे बात कर समाधान करवाना चाहिए। कहा कि उनको जनता की परेशानी देखी नहीं जा रही है, लोग चक्कर काटने पर मजबूर हैं। उनकी सरकार से हुई घोषणा के मुताबिक मांगे पूरी हो जाती तो हड़ताल पर नहीं जाते। धरने पर बैठे पटवारियों का दर्द सामने आया और कहा कि जनता की परेशानियां नहीं देखी जा रही हैं। अब तो उनकी मांगों का समाधान नहीं होता, वे आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।