JP के 2019 के नॉमिनेशन में उनमें जो नामांकन भरा था उसमें 5 एफआईआर उन पर रजिस्टर्ड हैं। मगर अब 2024 में नॉमिनेशन में कांग्रेस प्रत्याशी ने उसका उल्लेख नहीं किया है। इसी तरह नामांकन में संपत्ति की जानकारी का उल्लेख पूरे तरीके से नहीं किया गया है। 2019 से 2024 में उनकी संपत्ति का आंकलन वहीं है तो 2019 में था। इसी तरह उनकी पत्नी का रिर्टन 2016-17 तक का ही दर्शाया गया है।
। BJP लीगल सेल की ओर से आज हिसार की निजी होटल में प्रेस कान्फ्रेंस की गई जिसमें मीडिया के समक्ष यह सभी तथ्य रखे गए हैं। शिकायतकर्ता अंबाला के वकील राज महक ने बताया कि कांग्रेस प्रत्याशी के नॉमिनेशन में खामियां हैं, जिसको हमने नोटिस किया है और रिटर्निंग आफिसर के समक्ष प्रस्तुत किया है। नॉमिनेशन में फाइनेशियल और क्रिमिनल बैकग्राउंड को छिपाया गया है।
शिकायतकर्ता का कहना है कि जयप्रकाश ने नामांकन दाखिल करते समय इलेक्शन कमिशन की गाइड लाइन का पूरी तरह से उल्लंघन किया है। जो एक अपराध है। अगर कोई उम्मीदवार नामांकन करते समय आपराधिक तथ्य छिपाता है तो इसकी जिम्मेवार पार्टी और नामांकन कर्ता दोनों ही हैं। इस मामले में रिटर्निंग आफिसर से शिकायत कर दी गई है। इससे पहले मेल के जरिये शिकायत 9 मई को की गई थी मगर उस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं गई है इसलिए आज एक और लिखित शिकायत दी गई है।
वकील राज मलिक का कहना है कि इसी प्रकार जयप्रकाश ने अपने आय से संबंधित जानकारी भी गलत दी है जयप्रकाश ने अपने फार्म में 2022-23 और 2023-24 में एक समान 11 लाख 72 हजार आय दर्शाई है। साथ ही अपनी धर्मपत्नी की वर्ष 2016-17 की आय भी नहीं दिखाई। इसके अलावा भी जयपक्राश ने शपथ पत्र में कई जानकारियां छिपाई हैं। इसलिए उनका नामांकन पत्र रद्द किया जाए।
वकील राज महक का कहना है कि जयप्रकाश ने हिसार में नामांकन पत्र दाखिल करते समय अपना आपराधिक रिकॉर्ड NIL बताया है जबकि जयप्रकाश पर धोखाधड़ी, साजिश रचने, धमकाने और लड़ाई-झगड़े के साथ आर्म्स एक्ट में केस दर्ज हैं। इस तरह के अपराध छिपाना गैर कानूनी है। जयप्रकाश पर हिसार जिले के बरवाला थाने में वर्ष 2002 में एफआईआर नंबर 265 में धारा 148, 149, 427, 448, 395, 397, 506 और 452 के तहत केस दर्ज है। इसके अलावा कैथल के पुंडरी थाने में भी गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज है।
वकील राज मलिक का कहना है कि इसी प्रकार जयप्रकाश ने अपने आय से संबंधित जानकारी भी गलत दी है जयप्रकाश ने अपने फार्म में 2022-23 और 2023-24 में एक समान 11 लाख 72 हजार आय दर्शाई है। साथ ही अपनी धर्मपत्नी की वर्ष 2016-17 की आय भी नहीं दिखाई। इसके अलावा भी जयपक्राश ने शपथ पत्र में कई जानकारियां छिपाई हैं। इसलिए उनका नामांकन पत्र रद्द किया जाए।