सावन का महीना महादेव का माह माना जाता है
[ankur kapoor , ambala ] सावन का महीना महादेव का माह माना जाता है इस माह मे भोलेनाथ के भक्त अपने- अपने शहर से निकलकर हरिद्वार, गंगोत्री जाते है और वहां से गंगाजल लेकर अपने शहर मे जाकर सावन की शिवरात्रि पर शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाकर अपनी यात्रा समाप्त करते है ! रंग-बिरंगी कावड़ लेकर हरिद्वार से पैदल आते है और अपने शहर के लिए जाते है ! अंबाला से कई राज्यों के कावड़ी निकलते है जिससे सारा शहर भोले के जयकारों से गूँज उठता है ! हिमाचल से आये कावड़ियों ने बताया कि वे हरिद्वार से गंगाजल लेकर वापिस हिमाचल जा रहे है शिव भक्तो ने बताया कि वे हिमाचल के ही विभिन्न शहरों से है और गंगाजल लेकर अपने शहर के शिवालय में शिवलिंग पर चढ़ाएंगे !
सावन माह महादेव के साथ-साथ शिव भक्तो को भी प्रिय है क्योंकि इस माह में शिवभक्त गंगोत्री या हरिद्वार जाकर वहां से कावड़ को लेकर अपने- अपने शहर जाकर वहाँ शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाकर अपनी यात्रा पूर्ण करते है ! गंगाजल लेकर पंजाब, हरियाणा व हिमाचल के शिवभक्त गंगाजल लेकर अंबाला से ही निकालते है इसी तरह से हिमाचल के बिलासपुर व सोलन जिला के कावड़िये हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने शहर के लिए निकले कावड़ियों के निकलने से पूरा शहर शिवमय हो जाता है क्योंकि रंग-बिरंगी कावड लेकर जब शिव के जयकारे लगाते है तो आने जाने वाले आम लोग भी जयकारे लगाए बिना नहीं रह सकते ! बिलासपुर हिमाचल के कावड़िये ने बताया कि वे बिलासपुर से पहले हरिद्वार से गए थे वहां पर से कावड़ लेकर बिलासपुर जायेंगे और वही पर जल चढ़ाएंगे ! वही हिमाचल के ही सोलन जिला के रहने वाले कावड़िये ने बताया कि वे सोलन जिला के है वे हरिद्वार से कावड़ लेकर सोलन जायेंगे जहाँ पर एशिया का सबसे ऊँचा महादेव का मंदिर है वही शिवरात्रि पर गंगाजल चढ़ाकर अपनी यात्रा समाप्त करेंगे ! उन्होंने बताया कि उन्हें रास्ते में कोई भी समस्या नहीं आई लोगो ने शिवभक्तो का दिलखोल कर स्वागत किया और जगह-जगह कावड़ शिविर भी लगे हुए है जहाँ पर वे रुक सके ! उन्होंने कहा कि वे 21 लीटर गंगाजल लेकर हरिद्वार से पैदल चले है और इससे शिवलिंग को नहलाएंगे ! उन्होंने कहा कि वे गंगोत्री के गौमुख से जल लेकर चले है और अपने शहर शिवलिंग पर शिवरात्रि पर अर्पित कर यात्रा समाप्त करेंगे !