[sanjay khanna , gurugram]
गुरुग्राम से पहली बार देश में टैली सर्जरी की गई। अस्पताल से 40 किलोमीटर दूर बैठकर डॉक्टर ने किया कैंसर का सफल ऑपरेशन। भारत में इस तरह की सर्जरी पहली बार की गई है। कभी किसी नें सोचा भी नहीं होगा। जी है लेकिन गुरुग्राम के डॉक्टर ने इसे कर दिखाया है। क्या आप सोच सकते है कि अगर अस्पताल में डॉक्टर नहीं है तो वह ऑपरेशन कैसे कर सकता है, लेकिन भारत में ये इतिहास रचा गया है। जहाँ 40 किलोमीटर दूर बैठ कर डॉक्टर ने कैंसर का सफल ऑपरेशन कर मरीज को नई जिंदगी दी है। जी हाँ ये कोई कहानी नहीं बल्कि हकीकत है। गुरूग्राम के उद्योग विहार स्थित एसएस इनोवेशन लैब के डॉक्टर सुधीर रावल ने दिल्ली स्थित राजीव गांधी कैंसर इंस्टिट्यूट में भर्ती मरीज का सफल ऑपरेशन कर दिखाया।
गुरुग्राम से पहली बार देश में टैली सर्जरी की गई। अस्पताल से 40 किलोमीटर दूर बैठकर डॉक्टर ने किया कैंसर का सफल ऑपरेशन। भारत में इस तरह की सर्जरी पहली बार की गई है। कभी किसी नें सोचा भी नहीं होगा। जी है लेकिन गुरुग्राम के डॉक्टर ने इसे कर दिखाया है। क्या आप सोच सकते है कि अगर अस्पताल में डॉक्टर नहीं है तो वह ऑपरेशन कैसे कर सकता है, लेकिन भारत में ये इतिहास रचा गया है। जहाँ 40 किलोमीटर दूर बैठ कर डॉक्टर ने कैंसर का सफल ऑपरेशन कर मरीज को नई जिंदगी दी है। जी हाँ ये कोई कहानी नहीं बल्कि हकीकत है। गुरूग्राम के उद्योग विहार स्थित एसएस इनोवेशन लैब के डॉक्टर सुधीर रावल ने दिल्ली स्थित राजीव गांधी कैंसर इंस्टिट्यूट में भर्ती मरीज का सफल ऑपरेशन कर दिखाया।
करीब एक घंटा 45 मिनट चले ऑपरेशन में मरीज को चीरा लगाने से लेकर ट्यूमर निकालने और वापस शरीर में टांके लगाने तक की पूरी प्रक्रिया वर्चुअली पूरी की गई। डॉक्टर और उनकी टीम ने आंखों पर काला चश्मा लगाए, रोबोट चलाते हुए मरीज के मूत्र मार्ग के आसपास कैंसर प्रभावित कोशिकाओं को काटकर बाहर निकाला
और भारत में इस ऑपरेशन को करके एक इतिहास रच दिया।
ये पूरा ऑपरेशन टेली सर्जरी प्रक्रिया से किया गया है। थ्री डी विजन के साथ मरीज का पूरा ऑपरेशन वाला शरीर साफ नजर आता है, जिससे ऑपरेशन करने में आसानी हो जाती है। ऑपरेशन के दौरान एक रोबोट मशीन अस्पताल में मरीज के ऑपरेशन को ऑपरेट करती है तो दूर बैठे डॉक्टर लैब से इस रोबोट को पूरी इंस्ट्रक्शन देते है। ये ऑपरेशन गुरूग्राम से ऑपरेशन कैंसर इंस्टीट्यूट के चिकित्सा निदेशक व जेनिटो-यूरो ऑन्कोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉक्टर सुधीर रावल और उनकी टीम ने किया। वही एसएस इनोवेशन मंत्रा के सीईईओ एवं फाउंडर सुधीर श्रीवास्तव ने बताया की अब देश के किसी भी कोने में मौजूद मरीज का इलाज टेलीसर्जरी से संभव है। इस तरह के ऑपरेशन के लिए कोई भी मरीज एक्सपर्ट डॉक्टर का चयन कर सकता है और उसी से ऑपरेशन करा सकता है।