लोगों के मनोरंजन के लिए गांव सकतपुर में अवैध रूप से बोटिंग कराने और फोरेस्ट एरिया में वीडियो बनाने का मामला सामने आया है। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। जहा टीम को बोटिंग करते कुछ लोग मिले। वन विभाग की टीम ने बोट (नाव) को कब्जे में ले लिया है। आरोप है कि जब वन विभाग की टीम कार्रवाई कर रही थी तो गांव सकतपुर का सरपंच अपनी गाड़ी लेकर मौके पर पहुंच गया और करीब एक घंटे तक विभाग की टीम को कार्रवाई करने से रोका कर रखा। वन अधिकारी ने इसकी सूचना बादशाहपुर पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर वन विभाग की कार्रवाई को पूरा कराया और बोट को जब्त कर लिया। मामले में बादशाहपुर थाना पुलिस को वन विभाग की टीम ने सरपंच सहित दो लोगों के खिलाफ शिकायत दी है।
दरअसल सकतपुर गांव में रिजर्व फोरेस्ट लेंड है, जिस पर किसी भी प्रकार की कमर्शियल गतिविधि नहीं की जा सकती। वन विभाग ने यहां वन्य जीवों के लिए वाटर पॉन्ड बनाए हुए हैं। इससे न केवल जंगली जीव अपनी प्यास बुझाते हैं बल्कि भूजल को रीचार्ज करने में भी यह वाटर पॉन्ड अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो उन्हें कुछ महीनों पहले सूचना मिली थी कि सकत पुर गांव में सरपंच द्वारा वाटर पॉन्ड में अवैध रूप से बोटिंग कराई जा रही है। इस पर टीम ने उन्हें चेतावनी देकर बोटिंग को तुरंत बंद करा दिया था। कुछ समय तक तो बोटिंग बंद कर दी गई, लेकिन एक बार फिर यहां बोटिंग शुरू कर दी गई। अधिकारियों की मानें तो उन्हें कल दोबारा सूचना मिली थी कि यहां दो बोट के जरिए बोटिंग कराई जा रही है। इसके अलावा यहां वाटर पॉन्ड में मछली पालन भी किया जा रहा है। इतना ही नही यहां वीडियो शूटिंग भी कराई जा रही है। इस पर टीम मौके पर पहुंची तो एक बोट के जरिए बोटिंग कराई जा रही थी, जिस पर टीम ने यहां से बोट को कब्जे में लिया।
अधिकारियों की मानें तो इस बोट को वन विभाग की टीम कब्जे में लेकर बादशाहपुर थाने जा रही थी तो उसी दौरान गांव सकतपुर का सरपंच वहां आ गया। जिन्होंने अपनी गाड़ी से वन विभाग की गाड़ी को रोक लिया और उन्हें बोट वापस करने के लिए कहा। नहीं देने पर उन्होंने एक घंटे तक टीम का रास्ता रोके रखा। आरोप है कि जब वन विभाग की टीम ने मौके पर जांच की तो पाया कि यहां वाटर पॉन्ड में मछली पालन किए जाने के साथ ही यहां कमर्शियल फोटो शूट भी कराया जा रहा है। इस पर वन विभाग की टीम ने बादशाहपुर थाना पुलिस को मौके पर बुलाया, जिसके बाद आगामी कार्रवाई की गई।
वन राजिक अधिकारी कर्मवीर मलिक की मानें तो यहां लोगों की जान जोखिम में डालकर बोटिंग कराई जा रही थी। जब सरपंच से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने यह कहकर मामले को टालने का प्रयास किया कि यह जमीन पंचायत की है और इसके लिए उन्होंने ठेका छोड़ा हुआ है। जबकि रिजर्व फोरेस्ट में वन विभाग की अनुमति के बिना कोई कमर्शियल गतिविधि नहीं की जा सकती। ऐसे में बादशाहपुर थाना पुलिस को शिकायत देकर कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। मामले में बादशाहपुर थाना पुलिस जांच कर रही है।