हरियाणा ग्रामीण आजीविका मिशन की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से मिला असम का 44 सदसीय डेलीगेशन

सम की पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों का डेलीगेशन घरौंडा में हरियाणा ग्रामीण आजीविका मिशन की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से रूबरू हुआ। जहां उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की कार्यप्रणाली के विषय में तो जाना |

हरियाणा ग्रामीण आजीविका मिशन की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से मिला असम का 44 सदसीय डेलीगेशन

|| Haryana ||  Aditya Kumar || असम की पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों का डेलीगेशन घरौंडा में हरियाणा ग्रामीण आजीविका मिशन की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से रूबरू हुआ। जहां उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की कार्यप्रणाली के विषय में तो जाना ही, साथ ही यह महिलाओं की आत्मनिर्भरता की गाथाओं को भी सुना और असम में समूहों द्वारा किए जाने वाले कार्यो से भी परिचित करवाया। असम का यह दल हरियाणा में होने वाली कार्यप्रणाली को देखने के लिए पहुंचा है ताकि यहां की अच्छे कंसेप्ट को असम में भी शुरू किया जा सके और महिलाओं को आगे बढ़ाया जा सके।

असम के पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों का 44 सदसीय दल एक्पोजर विजिट यानी कि हरियाणा में क्या-क्या अच्छा है उसकी सेक्सेस स्टोरी देखने के लिए आया हुआ है। हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान (एचआईआरडी) के सहायक प्रोफेसर कमलदीप सांगवान ने बताया कि असम में पंचायतें काफी बड़ी है, जबकि हरियाणा में पंचायतें छोटी है। हरियाणा ग्रामीण आजीविका मिशन की महिलाओं से डेलीगेशन मिला है और उन्हें मिलकर बहुत अच्छा लगा कि महिलाएं किस तरह से आत्मनिर्भर बनी। उन्होंने बताया कि जिस तरह से हरियाणा की ग्राम पंचायतों में दुकानें बनाई हुई है और उन दुकानों को महिलाओं को दिया हुआ है, उसी तर्ज पर असम में भी इस तरह का कार्य किया जाएगा। साथ ही जैविक खेती करने वाली महिलाओं से भी डेलीगेशन मिला है ताकि जैविक खेती को वहां पर बढ़ावा दिया जा सके।

असम के तीन सुखिया जिला पंचायत के चेयरपर्सन राजेंद्र नाथ कोयरी ने बताया कि वे पांच दिनों से हरियाणा में है और पांच दिनों में वे अलग-अलग पंचायतों में गए है। आज स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से मिले है। असम में भी इसी तरह के ग्रुप बने हुए है और जिस तरह से यहां की महिलाएं अपने हाथों से प्रोडक्ट बनाती है वैसे ही असम में भी महिलाएं काम करती है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार आने के बाद महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किया गया है। आज स्थिति यह है कि महिलाएं पुरूषों से भी आगे निकल रही है। महिला पापू हागरिका दत्त ने बताया कि महिलाएं खुद काम करना चाहती है और आगे बढऩा चाहती है। यहां पर क्या कुछ नया है वह वहां की महिलाओं को बताया जाएगा ताकि वे भी आगे बढ़ सके।
 
एचएसआरएलएम के जिला कार्यक्रम अधिकारी गुरमीत सिंह ने बताया कि असम डेलीगेशन यह देखने के लिए आया है कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कैसे निचले स्तर से उठकर कामयाबी पर सीढ़ी तक पहुंची है। कैसे महिलाओं ने बचत की और कैसे लेन देन किया, कैसे एक दूसरे की मदद की और कैसे वे आगे बढ़ी और यही जानने के लिए असम का डेलीगेशन यहां पर पहुंचा है।