सरस्वती नहर से पकड़े 2 जिंदा खूंखार मगरमच्छ, छोटे जानवरो को बना चुके है अपना निवाला
मगरमच्छ का जिक्र होते ही कइयों की हालत खराब हो जाती है। खास तौर पर जब मगरमच्छ खुले इलाके में देखने को मिलें। मगरमच्छ छोटे बड़े जानवरों से लेकर इंसानों तक को अपना शिकार बनाते है।
|| Kurukshetra, Haryana || Aditya Kumar || मगरमच्छ का जिक्र होते ही कइयों की हालत खराब हो जाती है। खास तौर पर जब मगरमच्छ खुले इलाके में देखने को मिलें। मगरमच्छ छोटे बड़े जानवरों से लेकर इंसानों तक को अपना शिकार बनाते है। इंसानी इलाके में इनकी मौजूदगी कई तरह की अप्रिय घटनाओं का संकेत देती है। ऐसे इलाको से इन्हें पकड़ने की जिम्मेदारी जहां वन विभाग की है वही प्रसिद्ध गौतखोर परगट सिंह और टीम इस काम को पूरा करने में लगी हुई है।
इसी कड़ी में आज गौतखोर परगट सिंह और टीम ने अपनी जान जोखिम में डालकर गांव दबखेड़ी के नजदीक डेरा चुड़सिंह स्थित सरस्वती नहर से दो जिंदा खूंखार मगरमच्छों को पकड़ लिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि काफी समय से नहर में मगरमच्छ देखे जा रहे थे। जो जानवरों,कुत्तों और बंदरो पर हमला कर रहे थे।वही आसपास रहने वाले छोटे बच्चों को भी डर सताने लगा था। आज सुबह नहर में जाल लगाकर इन दोनों खूंखार मगरमच्छों को परगट सिंह और टीम द्वारा जिंदा पकड़ लिया गया है।
लेकिन अभी भी खतरा कम नही हुआ है। गांव के पंच ने बताया कि मगरमच्छ छोटे बड़े जानवरो पर हमला कर चुके है। लगभग 8 और 12 फिट लंबे मगरमच्छों के पकड़े जाने से कुछ राहत मिली है। बता दें कि कुरुक्षेत्र के गांव दबखेड़ी के प्रसिद्ध गोताखोर एवम समाज सेवी सरदार परगट सिंह ने अपने जीवन का आज 15वां और 16वां मगरमच्छ जिंदा पकड़कर डेरावसियों को राहत देने का काम किया। वही डेरा वासियों ने परगट सिंह और टीम की बहादुरी की सराहना करते हुए धन्यवाद किया।