सनातन धर्म मंदिर के पुजारी ने बताया की आज

[aukur kapoor , ambala ] निर्जला एकादशी का धार्मिक पर्व आज अंबाला में बहुत उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। धार्मिक आस्था रखने वालों ने आज सुबह से ही शहर के मुख्य मार्गो बाजारों एवं कालोनियों में अपने-अपने घरों के बाहर शरबत एंव जल जीरा व मिल्क रोज की छबील लगाकर जनसाधारण में वितरित करना आरंभ कर दिया । इन लोगों ने आवाजाही कर रहे लोगों के वाहन भी रुकवा कर अपार श्रद्धा के साथ मिठा पेयजल जन साधारण को मुहैया करवाया । आज जिला के सभी क्षेत्रों में ये छबीलें लगाई गई जिससे आपसी सद्भाव का संदेश समूचे जिला में गया।उल्लेखनीय है कि ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी कहा जाता है। हर साल कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। इनमें निर्जला एकदशी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस व्रत को करने से साल भर की सभी एकादशी के व्रत का फल प्राप्त होता है।

सनातन धर्म मंदिर के पुजारी ने बताया की आज के दिन का विशेष महत्त्व है आज लोग निर्जला एकादशी पर दान पुण्य करते है और व्रत रखते है ! उन्होंने कहा कि आज  के दिन पंखे, फल आदि का दान किया जाता है ! उन्होंने बताया की आज  स्नान धर्म मंदिर की ओर से दूध की  छबील लगाई गई , इसके बाद लस्सी , मीठे पानी  की छबील तथा भंडारे लगाए जा रहे है ! वही पुजारी ने आज के दिन की विशेष महत्व क्या है इसकी पूरी जानकारी थी !
आज मंदिरों में आए  श्रद्धालुओं ने भी निर्जला एकादशी का महत्व बताया और कहा की आज वे मंदिर में दान पुन के लिए आए है, आज के दिन पंखा ,फल और अन्य वस्तुओ का दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है ! उन्होंने बताया कि इस एकादशी का इंतज़ार लोग पूरे साल करते है क्योंकि इस एकादशी का सभी एकादशी मे सबसे ज्यादा महत्व है ! इस दिन लोग व्रत रखते है और बिना पानी पीये रहते है साथ ही भगवान विष्णु की पूजा करते है  और भगवान विष्णु उनकी मनोकामना पूरी करते है !