शादी में पहुंचे लोगों से दूल्हा-दुल्हन ने लिया मतदान करने का वचन
चरखी दादरी। शादी में फेरे लेते वक्त जीने-मरने कसमें तो सब खाते हैं। इन दिनों कुछ लोग कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए आठवां फेरा भी ले रहे हैं। मगर चरखी दादरी जिले में एक जोड़े ने अपनी शादी के समय फेरा लेने के दौरान नई पहल शुरू करके मिसाल पेश की है। बीए पास युवती कोमल व एलएलबी कर रहे आयुष सांगवान ने चरखी दादरी की एक वाटिका में आयोजित शादी समारोह मंे फेरों पर ही मतदान करने की शपथ ली। साथ ही शादी मंे पहुंचे नाते-रिश्तेदारों को भी मतदान करने का संकल्प दिलाया।
चरखी दादरी। शादी में फेरे लेते वक्त जीने-मरने कसमें तो सब खाते हैं। इन दिनों कुछ लोग कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए आठवां फेरा भी ले रहे हैं। मगर चरखी दादरी जिले में एक जोड़े ने अपनी शादी के समय फेरा लेने के दौरान नई पहल शुरू करके मिसाल पेश की है। बीए पास युवती कोमल व एलएलबी कर रहे आयुष सांगवान ने चरखी दादरी की एक वाटिका में आयोजित शादी समारोह मंे फेरों पर ही मतदान करने की शपथ ली। साथ ही शादी मंे पहुंचे नाते-रिश्तेदारों को भी मतदान करने का संकल्प दिलाया।
बता दें कि गांव बादल के पूर्व सरपंच सुमेर का बेटा आशुष सांगवान अपनी दुल्हन के साथ फेरों के समय एक साथ जीने-मरने जीने कसमें खा रहे थे। अचानक दोनों ने मतदान के महत्व के बारे में बताना शुरू कर दिया। एक बार तो सबको अजीब लगा मगर फिर सब लोगों ने इस पहल को सुभाशिष दिया। दुल्हन कोमल ने कहा कि सब लोग वचन दो कि सब वोट डालने जाओगे। इतना ही नहीं नवविवाहित जोड़े ने मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाने की भी बात कही। इसके साथ ही वहां पर उपस्थित लोगों को भी सामाजिक कार्यकर्ता संजय रामफल की अगुवाई में मतदान करने की शपथ दिलाई।
दुल्हन बनी कोमल और दुल्हा आयुष ने कहा कि कुछ लोग मत का प्रयोग नहीं करते। इसलिए उन्होंने मन में ठानी कि क्यों न वे शादी समारोह में आए लोगों को अधिक से अधिक मत का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करें। विवाह समारोह में जैसे ही सात फेरे लेने का समय आया, तभी दूल्हे और दुल्हन ने ऐसा संकल्प लिया जो मिसाल बन गया। दूल्हा और दुल्हन के द्वारा ली गई इस शपथ का हर किसी ने सम्मान किया। सामाजिक कार्यकर्ता संजय रामफल ने एक सराहनीय पहल करके नव दंपति को और विवाह में आए मौजूद लोगों को वोटो के प्रति शपथ दिलाई। कहा कि जिस प्रकार विवाह को हम एक पर्व के रूप में मनाते हैं उसी प्रकार हमें हमें अपना वोट डालकर महापर्व मनाना चाहिए।