|| Fatehabad || Aditya Kumar || फतेहाबाद में सीएम फ्लाइंग की टीम और स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई से खफा मेडिकल लेब संचालक हड़ताल पर. सरकार के सहयोगी दल जेजेपी के चिकित्सा प्रकोष्ट के प्रदेशाध्यक्ष डॉक्टर वीरेंद्र सिवाच ने अपनी ही सरकार को घेरा. कहा सरकार का निर्णय सरासर गलत, कहा सरकार इंस्पेक्टरी राज को बढ़ावा दे रही है. मॉडल टाउन के पपीहा पार्क में एकत्र हुए जिलेभर के लेब संचालक, मेडिकल लेबोरेट्री टेक्नोलॉजिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले प्रदर्शन कर रोष जताया. अस्पतालों के अंदर बनी लेब और शहर में बाजारों में स्थित सभी लेब बंद रही. टेस्ट करवाने के लिए जगह- जगह भटकते मरीज और उनके परिजन नज़र आये. सरकार और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जमकर की नारेबाजी की. लेब पर एमबीबीएस/एमडी पैथोलॉजिस्ट की अनिवार्यता को भी गलत बताया. कहा खत्म हो ऐसा नियम, कल रात सीएम फ्लाइंग द्वारा एक लेब पर रेड कर की गई थी.
फतेहाबाद में बीती सायं बीघड़ रोड पर कन्हैया लैब पर सीएम फ्लाइंग की छापेमारी के बाद लैब संचालकों में गुस्सा भड़क गया है। आज सुबह जिलेभर के लैब संचालक इस कार्रवाई और सरकार की नीतियों के खिलाफ सभी लैब बंद कर हड़ताल पर चले गए। फतेहाबाद, टोहाना, रतिया, भूना सहित सभी क्षेत्रों के भारी संख्या में लैब संचालक फतेहाबाद के पपीहा पार्क में इकट्ठे हुए और रोष जताया, जिसके बाद शहर में रोष मार्च निकालते हुए ज्ञापन देने लघु सचिवालय पहुंचे।
लैब बंद रहने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो गई और मरीजों के टेस्ट रुक गए। वहीं जिला कैमिस्ट एसोसिएशन ने भी लैब संचालकों को अपना समर्थन दे दिया है। सरकार में भागीदार जजपा के वरिष्ठ नेता डॉ.विरेंद्र सिवाच भी लैब संचालकों के धरने पर पहुंचे और सरकार की नीतियों को अनुचित करार दिया। लैब संचालक अब आगामी रणनीति तैयार करने में जुटे हैं।
मेडिकल लैबोरेट्री टैक्नॉलोजिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव सेतिया ने कहा कि सरकार की नीतियों अनुसार हर लैब पर एमबीबीएस डॉक्टर होने चाहिए, लेकिन यह संभव नहीं है, जो लैब अब लोगों को सस्ते रेट पर टैस्ट दे रही है, यदि एमबीबीएस डॉक्टर रखे गए तो यह टेस्ट बढ़ जाएंगे और इसकी मार जनता पर ही पडऩे वाली है। उन्होंने कहा कि सरकार बिना कोई नोटिस के उन्हें परेशान कर रही है। लैब संचालक कोई अनुचित काम नहीं कर रहे, जो बेसिक डिग्री डिप्लोमा उन्होंने लिए हैं, उसके तहत ही सब काम हो रहा है। उनकी मुख्य मांग है कि लैब संचालक जो भी काम करें, उसकी साइनिंग अथॉरिटी वे खुद ही रहेंगे और उनके काम की जिम्मेवारी वे खुद लेंगे। सरकार लैबोरेट्री मेडिकल कौंसिल बनाकर बेसिक लैब को रजिस्ट्र करवाए, बायो मेडिकल वेस्ट शुल्क को कम करे।
वहीं धरने पर समर्थन देने पहुंचे जेजेपी के मेडिकल प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष एवं शहर के प्रमुख चिकित्सक डॉ.विरेंद्र सिवाच ने कहा कि प्रदेशभर में 1 लाख लैब हैं, इनसे एक लाख से ज्यादा परिवार जुड़े हैं, सरकार के निर्णय से सभी सड़कों पर आ जाएंगे। यह मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को सोचना चाहिए। डॉक्टर के साइन के बिना लैब टैस्ट अमान्य करना यह निर्णय अटपटा है। उन्होंने कहा कि लैब टैक्नीशियंस के पास डिप्लोमा है, एमबीबीएस डॉक्टर टेस्ट नहीं कर सकता, सभी टेस्ट टैक्नीशियंस ही कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इंस्पेक्टरी राज थोपकर बिना वजह परेशान न करे और इस प्रकार की रेड न करें। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह की पाबंदी लगाकर जनता व लैब संचालकों को परेशान न करें। आज बिना टेस्ट के हस्पताल भी काम नहीं कर रहे, जिससे मरीज, डॉक्टर और लैब संचालक सभी परेशान हैं।