भिवानी, ईवीएम को लेकर चुनाव संदेह के घेरे में आता है और बैलट पेपर से चुनाव करवाने की मांग को लेकर भारत मुक्ति मोर्चा लंबे समय से संघर्ष कर रहा है। इसी कड़ी में आज बुधवार को भारत मुक्ति मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन किया गया और लघु सचिवालय पहुचकर मोर्चा द्वारा ज्ञापन पत्र सौंपा गया। यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो जन जन को आंदोलन के साथ जोड़ा जाएगा।यह बाद मोर्चा के पदाधिकारियों ने कही।
इस मौके पर उन्होंने बताया कि ईवीएम के विरोध में भारत मुक्ति मोर्चा द्वारा देश भर में चरणबद्ध आंदोलन चलाए गए थे, जिसके तहत धरना, प्रदर्शन व कर ज्ञापन सौंपे जा चुके है। लेकिन सरकार पर इसका कोई असर होता नजर नहीं आ रहा। अब आंदोलन की कड़ी में भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम के नेतृत्व में फैसला लिया जाएगा।सुरेश प्रजापति ने कहा कि ईवीएम के माध्यम से चुनाव प्रक्रिया सदैव से ही विवाद के घेरे में रही है, लेकिन सत्ताधारी दल ईवीएम को हटाने के लिए केवल इसीलिए राजी नहीं है कि उनके हाथ से कुर्सी ना फिसल जाए।
उन्होंने कहा कि 8 अक्तूबर 2013 को सर्वोच्च न्यायालय ने ईवीएम के साथ वीवीपैट की पर्चियों की 100 प्रतिशत गिनती करवाए जाने के आदेश भी दिए थे, चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को भी नजरअंदाज कर वीवीपैट की पर्चियों की गिनती नहीं करवा रहा। जिससे ईवीएम की कार्यप्रणाली पर शक और भी मजबूत हो जाता है। भारत में हठधर्मिता इस कदर हावी है कि ईवीएम को हटाने के मामले में सभी की आवाज को दरकिनार किया जा रहा है। लोकतंत्र में ऐसा करना किसी भी सूरत में संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि चुनाव को निष्पक्ष, पारदर्शी करवाने तथा ईवीएम के विरोध में भारत मुक्ति मोर्चा लंबे समय से संघर्षरत्त है।
बाइट:सुरेश प्रजापति
वही मोर्चा के अन्य पदाधिकारी ने कहा कि जो पांच राज्यों में चुनाव था उसमें दो राज्य में इसलिए केंद्र की वर्तमान सरकार जानबूझकर हारी है क्योंकि उनके आगे लंबी छलांग लगाने की तैयारी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संविधान से कोई भी छेड़छाड़ की गई तो वह बर्दाश्त नहीं करेंगे और जन-जन को साथ लेकर आंदोलन करेंगे उन्होंने ईवीएम मशीन की बजाय वैलेट पेपर से चुनाव करवाने की मांग की है