माइनिंग जोन के रेट बढ़ाने के विरोध में क्रशर संचालक लामबंद, बंद किये क्रशर

माइनिंग कंपनियों द्वारा लगातार पत्थरों के रेट बढ़ाने के विरोध में क्रशर संचालक लामबंद हो गए हैं। क्रशर संचालकों ने खेड़ी बत्तर जोन में क्रशर एसोसिएशन की मीटिंग करते हुए आगामी निर्णय तक अपने क्रशर बंद का निर्णय लिया। साथ ही कहा कि फैसले का उल्लंघन करने वालों पर 51 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इस मामले में माइनिंग या प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई की गई तो क्रशरों को अनिश्चितकालीन बंद करते हुए ग्राम पंचायतों के सहयोग से बड़ा आंदोलन करते हुए आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।

||Delhi||Nancy Kaushik||माइनिंग कंपनियों द्वारा लगातार पत्थरों के रेट बढ़ाने के विरोध में क्रशर संचालक लामबंद हो गए हैं। क्रशर संचालकों ने खेड़ी बत्तर जोन में क्रशर एसोसिएशन की मीटिंग करते हुए आगामी निर्णय तक अपने क्रशर बंद का निर्णय लिया। साथ ही कहा कि फैसले का उल्लंघन करने वालों पर 51 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इस मामले में माइनिंग या प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई की गई तो क्रशरों को अनिश्चितकालीन बंद करते हुए ग्राम पंचायतों के सहयोग से बड़ा आंदोलन करते हुए आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। जिसके चलते आगामी दिनों में बिल्डिंग मैटिरियल उपलब्ध नहीं होने पर निर्माण कार्यों पर ग्रहण लग सकता है।

बता दें कि चरखी दादरी क्षेत्र की माइनिंग व क्रशर जोन से आसपास सहित दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में बिल्डिंग मैटेरियल के रूप में रोड़ी, क्रशर व रेती की सप्लाई की जाती है। माइनिंग कंपनियों द्वारा लगातार रेटों की बढौतरी करने के विरोध में क्रशर संचालकों ने लामबंद होते हुए खेड़ी बत्तर जोन में रोष मीटिंग का आयोजन एसोसिएशन प्रधान एडवोकेट नवीन सांगवान व उपप्रधान रामफल फौजी की संयुक्त अध्यक्षता में आगामी निर्णय तक क्रशरों को बंद करने का निर्णय लिया। करीब दो घंटे चली मीटिंग में क्रशर संचालकों ने रोष जताते हुए कहा कि लगातार पत्थर के रेट बढ़ने के कारण उनके खर्चों में भी बढौतरी हो रही है। जिसके चलते क्रशर संचालित करने से कर्ज लेने पर मजबूर होना पड़ेगा। कहा गया कि प्रशासन द्वारा इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं जा रही है। ऐसे में क्रशरों को बंद करते हुए माइनिंग क्षेत्र में से पत्थर नहीं लेने का निर्णय लिया है।

मीटिंग के बाद एसोसिएशन प्रधान नवीन सांगवान व उपप्रधान रामफल फौजी ने संयुक्त रूप से कहा कि बार-बार माइनिंग व प्रशासन को अवगत करवाने के बाद भी माइनिंग कंपनियों द्वारा रेटों में बढौतरी की जा रही है। मीटिंग में फैसला लिया कि माइनिंग कंपनियों द्वारा रेट वापिस नहीं लिए तो अनिश्चितकाल के लिए क्रशर बंद कर देंगे। अगर प्रशासन या माइनिंग कंपनियों द्वारा कोई कार्रवाई की तो ग्राम पंचायतों के सहयोग से बड़ा आंदोलन करेंगे।