भूख हड़ताल पर बैठे 11 सफाई कर्मचारी, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

चरखी दादरी में नगर पालिका कर्मचारी संघ के आह्वान पर सफाई कर्मचारियों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। दादरी नगर पालिका के कर्मचारी 07 अप्रैल तक 11 कर्मचारी भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। यहां भूख हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए रोष जताया।

||Delhi||Nancy Kaushik||चरखी दादरी में नगर पालिका कर्मचारी संघ के आह्वान पर सफाई कर्मचारियों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। दादरी नगर पालिका के कर्मचारी 07 अप्रैल से 11 अप्रैल तक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। यहां भूख हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए रोष जताया।

साथ ही सरकार को बड़ा कदम उठाने की चेतावनी भी दी है। प्रधान सूरज ने कहा कि कर्मचारी 7 अप्रैल तक सांकेतिक रूप से भूख हड़ताल जारी रखेंगे। फिलहाल काम-काज को प्रभावित नहीं किया गया। अगर सरकार अभी भी उनकी मांगों पर संज्ञान नहीं लेती तो कर्मचारी बड़ा कदम उठाने को मजबूर होंगे। कर्मचारी ने कहां कि सरकार के साथ जिन मांगों पर सहमति बनी थी,अभी तक सरकार ने उन मांगों से संबंधित कोई पत्र जारी नहीं किया। मुख्य मांगों में पक्के कर्मचारियों की तर्ज पर LTC देने की मांग, कौशल रोजगार निगम को भंग करने, सी व डी-ग्रुप के कर्मचारियों को ऑन रोल करने, सफाई कर्मचारी, सीवर मैन, फायर कर्मचारी के लिए रेगुलाइजेशन पॉलिसी बनाने की मांग रखी। जब तक उक्त पॉलिसी नहीं बनती, तब तक कर्मचारियों को काम-समान वेतन देने की मांग रखी।

मांग पूरी नहीं हुई तो प्रदेश भर में होगी काम छोड़ो हड़ताल। नगर पालिका कर्मचारी संघ के जिला प्रधान सूरज ने कहा कि उनकी मांगों पर सरकार के साथ सहमति बनी थी। जिसमें सरकार ने उनकी मांगे मानी थी, लेकिन अभी तक सरकार ने मांगों से संबंधित कोई लेटर कर्मचारियों को जारी नहीं किया। उस पर सरकार खरी उतरे और लेटर जारी करे। यदि उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो प्रदेशभर में काम छोड़ हड़ताल शुरू करने पर मजबूर होंगे। जिसकी जिम्मेवार सरकार ही होगी। दरअसल सफाई कर्मचारी पिछले लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते आ रहे हैं। लेकिन सरकारी अधिकारी कर्मचारियों की मांगों की तरफ ध्यान नहीं दे रहे।  इसी के चलते कर्मचारियों ने एक बार फिर से हड़ताल की है। कर्मचारी प्रधान ने बताया कि कर्मचारी प्रदेश के सफाई कर्मचारियों और सिवरमेनों को पक्का करने की मांग कर रहे हैं।