पानी बना मछलियों के लिए जहर सैकड़ो मछलियों की मौत
बुराड़ी के अजीत बिहार में झील के अंदर हर रोज मछलियां मर रही हैं। झील का पानी दूषित हो चुका है या किसी ने मछलियों को मारने की साजिश रची है। यह साफ नहीं हो पा रहा है। क्योंकि यहां शासन-प्रशासन चुप्पी थामे बैठा है।इस विषय मे कोई ठोस संज्ञान भी नही लिया जा रहा।
||Delhi||Nancy Kaushik||बुराड़ी के अजीत बिहार में झील के अंदर हर रोज मछलियां मर रही हैं। झील का पानी दूषित हो चुका है या किसी ने मछलियों को मारने की साजिश रची है। यह साफ नहीं हो पा रहा है। क्योंकि यहां शासन-प्रशासन चुप्पी थामे बैठा है।इस विषय मे कोई ठोस संज्ञान भी नही लिया जा रहा। हर रोज सैकड़ों मछलियां इस झील के किनारे मरी हुई पाती है। जिसकी दुर्घन्ध से स्थानीय लोग परेशान हो रहे हैं । इस झील की मछलियों को लगातार बचाने के लिए साईं नाथ फौंडेशन के अध्यक्ष अमित सक्सेना हर रोज अपनी टीम को लेकर इस झील में मरी हुई मछलियों को बाहर निकालकर दफनाते हैं और झील के चारों तरफ दवाइयों का छिड़काव भी करा रहे हैं।
झील में लगातार मछलियों के मारे जाने के बाद स्थानीय लोग अब खौफ में हैं और कयास लगाए जा रहे हैं कि झील के अंदर लगातार बढ़ती गंदगी के चलते झील का पानी प्रदूषित हो गया है । जिसके चलते जेल में जल जीव लगातार प्रभावित हो रहे हैं और हर रोज मछलियों के मरने का सिलसिला जारी है। लगातार मछलियों के मरने की वजह से अब लोगों के जेहन में यह ख़ौफ़ पैदा हो चुका है कि कहीं जल जीवो में किसी घातक बीमारी ने दस्तक तो नहीं दी या फिर किसी और अन्य कारण के चलते झील की मछलियां लगातार मर रही है।
आपको बता दे साईनाथ फाउंडेशन के पदाधिकारी सन्नी ने बताया कि बड़ी विडंबना है कि झील के चारों तरफ वीआईपी सोसाइटी बनी हुई है और पढ़े-लिखे विद्वान लोग इन सोसाइटी में रहते हैं। लेकिन फिर भी सोसाइटी की गंदगी इस झील किनारे फेक देते हैं जिसके चलते झील के चारो तरफ गंदगी फेल चुकी है झील का पानी प्रदूषित हो गया है यहां रहने वाले लोगों की लापरवाही के चलते आज बेजुबान जल जीव मछलियों की मौतें हो रही है।
जरूरत है इस झील को लेकर दिल्ली सरकार को ही संज्ञान लें ताकि मरती हुई मछलियों का पता लगाया जा सके आखिरकार मछलियों के मरने की वजह क्या है । कहीं कोई जल जीवो के अंदर कोई घातक महामारी तो नहीं फैल रही या फिर झील के अंदर कोई जहरीला केमिकल डाला गया है जिसके चलते झील का पानी जहरीला हुआ और मछलियां मर रही हो।