प्रदेश सरकार द्वारा गोहाना को जिला बनाए जाने की घोषणा

[sushil sharma,mohinder garh] प्रदेश सरकार द्वारा गोहाना को जिला बनाए जाने की घोषणा के बाद महेंद्रगढ़ में जिला मुख्यालय की मांग फिर उठ गई है। आज विभिन्न सामाजिक, धार्मिक संगठनो और अधिवक्ताओं ने महेंद्रगढ़ के लघुसचिवालय मे एक दिन का साकेंतिक धरना दिया तथा एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान अधिवक्ताओं ने कहा कि महेंद्रगढ़ हरियाणा जन्म से पहले का जिला है, लेकिन इसका जिला मुख्यालय नारनौल बनाया गया है। महेंद्रगढ़ को अब उसके मुख्यालय का हक मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में नए जिले बनाए जा रहे हैं, उसके लिए सरकार ने चार मंत्रियों की एक कमेटी गठित की गई है। लेकिन महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी जिले से एक भी मंत्री को उस कमेटी में शामिल नहीं किया गया। दूसरा मुख्यमंत्री की ओर से गोहना को जिला बनाए जाने की घोषणा भी की जा चुकी है लेकिन महेंद्रगढ़ को मुख्यालय दिए जाने और नारनौल को अलग जिला बनाए जाने पर मुख्यमंत्री ने कोई कार्रवाई नहीं की है। यह उनकी काफी वर्षों पुरानी मांग है। पहले भी उन्होने जिला मुख्यालय के लिए 100 दिन तक धरना प्रदर्शन किया था। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आश्वासन दिया था कि उनकी मांग पर सहानुभूति पूर्ण विचार किया जाएगा। लेकिन उन बातों को चार से पांच साल बीत गए हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि इस बार वो आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है, जल्द ही मीटिंग करके एक योजना बनाई जाएगी, उस योजना के तहत अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा। अगर सरकार ने उनकी मांग नही मानी तो विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे और चक्का जाम करेंगे।

 प्रदेश सरकार द्वारा गोहाना को जिला बनाए जाने की घोषणा के बाद महेंद्रगढ़ में जिला मुख्यालय की मांग फिर उठ गई है। आज विभिन्न सामाजिक, धार्मिक संगठनो और अधिवक्ताओं ने महेंद्रगढ़ के लघुसचिवालय मे एक दिन का साकेंतिक धरना दिया तथा एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान अधिवक्ताओं ने कहा कि महेंद्रगढ़ हरियाणा जन्म से पहले का जिला है, लेकिन इसका जिला मुख्यालय नारनौल बनाया गया है। महेंद्रगढ़ को अब उसके मुख्यालय का हक मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में नए जिले बनाए जा रहे हैं, उसके लिए सरकार ने चार मंत्रियों की एक कमेटी गठित की गई है। लेकिन महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी जिले से एक भी मंत्री को उस कमेटी में शामिल नहीं किया गया। दूसरा मुख्यमंत्री की ओर से गोहना को जिला बनाए जाने की घोषणा भी की जा चुकी है लेकिन महेंद्रगढ़ को मुख्यालय दिए जाने और नारनौल को अलग जिला बनाए जाने पर मुख्यमंत्री ने कोई कार्रवाई नहीं की है। यह उनकी काफी वर्षों पुरानी मांग है। पहले भी उन्होने जिला मुख्यालय के लिए 100 दिन तक धरना प्रदर्शन किया था। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आश्वासन दिया था कि उनकी मांग पर सहानुभूति पूर्ण विचार किया जाएगा। लेकिन उन बातों को चार से पांच साल बीत गए हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि इस बार वो आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है, जल्द ही मीटिंग करके एक योजना बनाई जाएगी, उस योजना के तहत अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा। अगर सरकार ने उनकी मांग नही मानी तो विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे और चक्का जाम करेंगे।