पर्यावरण प्रदूषण कम करने में सीएनजी की अहम भूमिका
देश में पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए सीएनजी एक बेहतरीन विकल्प है, जिसके कारण फैक्ट्रीज व वाहनों से से निकलने वाला धुआं कम किया जा सकता है। सीएनजी प्रदूषण रहित इंधन है जो पर्यावरण संरक्षण में अहम योगदान दे रहा है। आज दिल्ली में सीएनजी लागू हुए 25 साल हो गये हैं और सीएनजी के कारण ही दिल्ली सही से सांस ले पा रही है। ये बात विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर हरियाणा सिटी गैस की तरफ से आयोजित औद्योगिक जागरुकता कार्यक्रम से पूर्व पत्रकारों से बात करते हुए एचसीजी के सीईओ ए.के. जना ने कही। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सौ फीसदी उद्योगों में सीएनजी का प्रयोग हो रहा है और अब हरियाणा में इस क्रांति को लाने का समय है। भारत सरकार के कार्यक्रम के तहत घरों और उद्योगों में नैचुरल गैस पाइप लाइन पहुंचाने की कवायद चल रही है। हिसार में भी अक्तूबर 2023 से सीएनजी और पीएनजी की पाइपलाइन बिछाकर कनेक्शन देने शुरू कर दिये गये हैं। एचसीजी ने 100 किलोमीटर से अधिक पाइपलाइन डालकर घरों और उद्योगों में पाइप के माध्यम से गैसे देनी शुरू कर दी है। इस साल हांसी को भी पाइपलाइन से जोड़ दिया जायेगा। हिसार में अब तक 19 सीएनजी पंप खोले जा चुके हैं और इस साल 10 और पंप खोल दिये जायेंगे।
देश में पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए सीएनजी एक बेहतरीन विकल्प है, जिसके कारण फैक्ट्रीज व वाहनों से से निकलने वाला धुआं कम किया जा सकता है। सीएनजी प्रदूषण रहित इंधन है जो पर्यावरण संरक्षण में अहम योगदान दे रहा है। आज दिल्ली में सीएनजी लागू हुए 25 साल हो गये हैं और सीएनजी के कारण ही दिल्ली सही से सांस ले पा रही है। ये बात विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर हरियाणा सिटी गैस की तरफ से आयोजित औद्योगिक जागरुकता कार्यक्रम से पूर्व पत्रकारों से बात करते हुए एचसीजी के सीईओ ए.के. जना ने कही। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सौ फीसदी उद्योगों में सीएनजी का प्रयोग हो रहा है और अब हरियाणा में इस क्रांति को लाने का समय है। भारत सरकार के कार्यक्रम के तहत घरों और उद्योगों में नैचुरल गैस पाइप लाइन पहुंचाने की कवायद चल रही है। हिसार में भी अक्तूबर 2023 से सीएनजी और पीएनजी की पाइपलाइन बिछाकर कनेक्शन देने शुरू कर दिये गये हैं। एचसीजी ने 100 किलोमीटर से अधिक पाइपलाइन डालकर घरों और उद्योगों में पाइप के माध्यम से गैसे देनी शुरू कर दी है। इस साल हांसी को भी पाइपलाइन से जोड़ दिया जायेगा। हिसार में अब तक 19 सीएनजी पंप खोले जा चुके हैं और इस साल 10 और पंप खोल दिये जायेंगे।
उन्होंने सीएनजी के फायदों के बारे में कहा कि ये प्रदूषण रहित तो है ही, साथ ही इसकी परिचालन लागत पारंपरिक इंधन से कम पड़ती है। इसमें इंधन को स्टोर करने या लाने ले जाने की जरूरत नहीं है। पाइपलाइन से जितनी गैस का प्रयोग होगा, उतना ही खर्च आयेगा। पारंपरिक इंधन वाले सिस्टम को सीएनजी सिस्टम में बदलने पर आने वाली लागत 7 महीने से 18 महीने में पूरी हो जाती है और बाद में सीएनजी काफी सस्ती पड़ती है। ए.के. जना ने बताया कि हरियाणा में सभी इंडस्ट्रीज में सीएनजी प्रयोग को अनिवार्य करने के लिए सरकार या एनजीटी को आगे आना होगा ताकि सीएनजी का प्रयोग अधिक से अधिक हो और पर्यावरण प्रदूषण कम हो।
एचसीजी के जीएम सीएनजी ट्रांसपोर्टेशन गौरव पोखरियाल ने इस मौके पर कहा कि अब वाहनों में भी सीएनजी का काफी प्रयोग होने लगा है। कंपनियों ने निजी प्रयोग की डीजल गाडिय़ां बनानी कम कर दी हैं और सीएनजी गाडिय़ों का निर्माण बढ़ गया है। कार निर्माण कंपनियों के कंपनी फिटेड सीएनजी सिस्टम भी पहले से बेहतर हुए हैं। अब तो सीएनजी गाडिय़ां पेट्रोल आधारित गाडिय़ों की तरह परर्फोमेंस दे रही हैं। अब तो एक कंपनी सीएनजी आधारित मोटरसाइकिल भी जल्द ही मार्केट में उतारने वाली है। हिसार और आसपास के इलाकों में वह स्कूल संचालकों से मिलकर सीएनजी आधारित बसों को अपनाने के लिए जागरुकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।
एचसीजी के जीएम कमर्शियल एंड मार्केटिंग वरुण चतुर्वेदी बताया कि हिसार के घरों में पीएनजी की सप्लाई शुरू कर दी गई है और अब तक लगभग सौ घरों में पाइपलाइन से गैस सप्लाई शुरू कर दी गई है। आवासीय इलाकों में घर-घर जाकर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है कि लोग पीएनजी कनेक्शन अपनाएं, क्योंकि पीएनजी एलपीजी सिलेंडर के मुकाबले किफायती भी है और सुरक्षित भी।
एचसीजी के हिसार क्षेत्रीय प्रमुख राजवीर पंवार ने कहा कि उनका लक्ष्य एक साल में 10 हजार घरों तक पीएनजी कनेक्शन पहुंचाने का है। पीएनजी बार-बार सिलेंडर भरने के झंझट से तो छुटकारा देती ही है, ये दुर्घटना के कारणों को भी काफी हद तक कम कर देती है।
एचसीजी के सीनियर मैनेजर अभिषेक टाटिया ने बताया कि इस जागरुकता कार्यक्रम में हिसार पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड हिसार के साइंटिस्ट सुनील श्योराण व हिसार के कई जाने माने उद्योगपतियों ने भी भाग लिया। उद्योगपतियों ने जाना कि किस प्रकार वो अपने उद्योगों में सीएनजी के प्रयोग से लागत और प्रदूषण दोनों कम कर सकते हैं।