पदक विजेता महिला मुक्केबाजों का अकादमी में पहुंचने किया भव्य स्वागत
एक समय था, जब बेटियों को घर की चारदीवारी में ही रखा जाता था तथा बेटियों का किसी खेल या अन्य गतिविधियों में भाग लेना अपमान समझा जाता था, लेकिन आज देश की बेटियों की उपलब्धियां ऐसी संकीर्ण विचारधारा के मुंह पर तमाचा मारने का काम कर रही है तथा विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही है। इसी कड़ी में अब 27 अप्रैल से 8 मई तक कजाकिस्तान में आयोजित हुई एशियन मुक्केबाजी चैंपियनशिप की अंडर-22 आयु वर्ग की प्रतियोगिता में स्थानीय सैक्टर-13 स्थित भिवानी बॉक्सिंग क्लब की 4 महिला मुक्केबाजों ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन करते हुए एक स्वर्ण सहित 4 पदक हासिल किए है।
भिवानी, 11 मई : एक समय था, जब बेटियों को घर की चारदीवारी में ही रखा जाता था तथा बेटियों का किसी खेल या अन्य गतिविधियों में भाग लेना अपमान समझा जाता था, लेकिन आज देश की बेटियों की उपलब्धियां ऐसी संकीर्ण विचारधारा के मुंह पर तमाचा मारने का काम कर रही है तथा विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही है। इसी कड़ी में अब 27 अप्रैल से 8 मई तक कजाकिस्तान में आयोजित हुई एशियन मुक्केबाजी चैंपियनशिप की अंडर-22 आयु वर्ग की प्रतियोगिता में स्थानीय सैक्टर-13 स्थित भिवानी बॉक्सिंग क्लब की 4 महिला मुक्केबाजों ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन करते हुए एक स्वर्ण सहित 4 पदक हासिल किए है। पदक विजेता खिलाडिय़ों का शनिवार को अकादमी में पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। इस बारे में जानकारी देते हुए भिवानी बॉक्सिंग अकादमी के अध्यक्ष कमल सिंह प्रधान ने कहा कि इस प्रतियोगिता में 52 किलोग्राम भार वर्ग में निशा गुलेरिया ने स्वर्ण, 48 किलोग्राम में सोनिका उर्फ गुड्डी ने रजत, 50 किलोग्राम में तमनना बेनिवाल ने रजत व 66 किलोग्राम भार वर्ग में प्रार्थवी ग्रेवाल ने कांस्य पदक हासिल किया है। उन्होंने कहा कि बीबीसी की सैंकड़ोंं महिला बॉक्सर राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुकी है। यहीं नहीं ओलंपिक प्रतियोगिता में देश को मिलने वाला पहला पदक भी इसी अकादमी के खिलाड़ी ने हासिल किया था। कमल सिंह प्रधान ने कहा कि उन्हे अपने खिलाडिय़ों पर गर्व है, जो कि अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भिवानी व भिवानीवासियों को गौरवांवित कर रहे है। इस मौके पर बीबीसी के कोच द्रोणाचार्य अवॉर्डी जगदीश सिंह ने कहा कि मिनी क्यूबा भिवानी के हर खिलाड़ी की जीत अन्य खिलाडिय़ों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनती है तथा यही वजह है भिवानी के युवाओं में खेल के प्रति एक अलग ही जुनून व जज्बा देखने को मिलता। उन्होंने कहा यहां के खिलाड़ी विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का हुनर दिखानेे से नहीं चूकते। जिसके चलते भिवानी को मिनी क्यूबा के नाम से भी जाना जाता है। इस मौके पर पदक विजेता खिलाडिय़ों ने अपनी जीत का श्रेय कोच द्रोणाचार्य अवॉर्डी जगदीश सिंह व अपने परिजनों को दिया। उन्होंने कहा कि कोच जगदीश सिंह बेहद अनुशासन प्रिय है, जिनके द्वारा सिखाए गए अनुशासन एवं मेहनत के पाठ ने ही आज उन्हे इस मुकाम पर पहुंचाया है। इस अवसर पर कर्नल मनोज कुमार, कोषाध्यक्ष चंपा देवी, एथलीट कोच जगदीश कुमार, कोच जगदीश सांगवान, बंटी पंघाल, कुलदीप सिंह, मनोज कुमार, जयभगवान, सोमबीर शेषमा, साक्षी ढांडा, सोनिया चहल, शिवानी, रूचिका, मिशा सहित अन्य खेल प्रेमी मौजूद रहे।