|| Jhajjar, Haryana || Aditya Kumar || बेशक भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ ने जूनियर कोच के साथ छेड़छाड़ की घटना में शामिल खेल मंत्री संदीप सिंह को चंड़ीगढ़ पुलिस की जांच पूरी होने तक पार्टी की किसी भी बैठक में बुलावा न भेजने की बात कही हो,लेकिन खाप पंचायतों व हरियाणा के उन सामाजिक संगठनों को खेल मंत्री की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है । जिन्होंने पिछले लंबे समय से सरकार और खेल मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इसी क्रम में शुक्रवार को झज्जर में भी खाप पंचायतों ने सामाजिक संगठनों,कर्मचारी संगठनों के साथ मिलकर खेल मंत्री की गिरफ्तारी और बर्खस्तगी को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में अनेक खाप पंचायतों के प्रतिनिधि, कर्मचारी संगठन, किसान संगठन ौर सामाजिक संगठन और कानपुर की पूर्व सांसद सुहासिनी शामिल रही।
प्रदर्शन से पूर्व यह सभी यहां शहर के महर्षि दयानंद सरस्वती स्टेडियम में एकत्रित हुए और बाद में शहर भर में प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंंचे। यहां उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने पहले ही बैरिकेटस लगा रखे थे। प्रदर्शनकारियों ने यहां बैरिकेटस के पास ही सरकार और खासकर खेल मंत्री के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। मामले की गंभीरता को भांपकर जिला उपायुक्त स्वयं प्रदर्शनकारियों के बीच उनका ज्ञापन लेने के लिए पहुंचे। यहां उन्होंने प्रदर्शनकारियों को आश्वास्त किया कि उनकी मांग सरकार के पास भेज दी जाएगी।
आरोपी खेल मंत्री संदीप सिंह को सीएम साहब बचाना चाहते है। लेकिन वह किसी भी सूरत में बचेंगे नहीं। जब तक संदीप सिंह की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तब तक वह यंू ही सड़कों पर संघर्ष जारी रहेगा |
मैं गणतंत्र दिवस पर पेहवा में झंडारोहण के दौरान विरोध करने पहुंची थी। वहां पर मेरे साथ अशोभनीय व्यवहार किया गया था। जोकि गलत था। मैं सरकार से एक बात पूछना चाहती हूं कि सरकार बताएं कि एक तरफ तो वह बेटी पढ़ाओं और बेटी बचाओ का नारा देती है और दूसरी तरफ बेटियों के साथ इस प्रकार की हरकते करती है। इससे सरकार का दोहरा चरित्र सामने आ रहा है। सरकार यह अच्छी तरह से समझ ले कि यह हरियाणा है हरियाणा। हम पहले भी लड़कर जीतते रहे है और आगे भी जीत हमारी ही होगी।
सबसे पहला सवाल यहीं है कि इस प्रकार के आरोप लगने के बाद भी संदीप सिंह अभी तक मत्री क्यों है। जिस मंत्री के ऊपर यौन शोषण के यौन उत्पीडऩ के आरोप लगे है वह मंत्री क्यों अभी तक रखा गया है। ऐसे लोगों के लिए कानून ओर भी ज्यादा सख्त है। इन लोगों को चाहिए कि वह जेल जाकर ही अपने सबूत दे
कि वह निर्दोष है। चाहे यूपी का हाथरस हो या फिर हरियाणा का जूनियर कोच का मामला भाजपा वाले सभी को संरक्षण देते है। भाजपा वाले संविधान को नहीं मानते,यह लोग तो केवल मनु समृति को हीं मानते है।