नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है, जानिए मां का स्वरूप, पूजा विधि -

चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है। स्वामी कार्तिकेय की माता होने और अपने ममतामयी रुप के कारण दुर्गा मां के पांचवे स्वरुप को स्कंदमाता कहा जाता है। स्कंदमाता मोक्ष, प्रेम और वातस्ल्य का प्रतीक मानी जाती है। माना जाता है कि निसंतान दंपति अगर नवरात्रि में पांचवे दिन व्रत रखे तो उन्हें संतान की प्राप्ती हो सकती है।

||Delhi||Nancy Kaushik||चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है। स्वामी कार्तिकेय की माता होने और अपने ममतामयी रुप के कारण दुर्गा मां के पांचवे स्वरुप को स्कंदमाता कहा जाता है। स्कंदमाता मोक्ष, प्रेम और वातस्ल्य का प्रतीक मानी जाती है। माना जाता है कि निसंतान दंपति अगर नवरात्रि में पांचवे दिन व्रत रखे तो उन्हें संतान की प्राप्ती हो सकती है। 

नवरात्रि दिवस 5 शुभ रंगः
प्रकृति और उन्नति का रंग यानि हरा रंग स्कंद माता का पसंदीदा रंग है। इस दिन हरा रंग पहनना शुभ माना जाता है।

नवरात्रि दिवस 5 पूजा विधिः
सवेरे जल्दी उठकर स्नान करे उसके बाद दीप प्रज्वल्लित कर मां स्कंदमाता के मंत्र का जाप करें फिर मां स्कंदमाता की आरती कर उनका आह्वान करें।
स्कंदमाता का जाप मंत्रः या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः