गुरुग्राम-कड़कती ठंड में खुली छत के नीचे रात गुजारने वालो को जिला प्रशाशन ने मुहैया करवाए रैन-बसेरे
विश्व के मानचित्र पर अपनी पहचान बना चुकी साइबर सिटी गुरुग्राम के रैन बसेरों में लोगो की रात कैसे कटती है इसको जानने के लिए गुरुग्राम के डीसी निशांत यादव ने रात को शहर भर के रैन बसेरो का जायजा लिया ।
|| Gurugram || Aditya Kumar || विश्व के मानचित्र पर अपनी पहचान बना चुकी साइबर सिटी गुरुग्राम के रैन बसेरों में लोगो की रात कैसे कटती है इसको जानने के लिए गुरुग्राम के डीसी निशांत यादव ने रात को शहर भर के रैन बसेरो का जायजा लिया गया।
निशांत यादव डीसी गुरुग्राम ने बताया किसाइबर सिटी गुरुग्राम में लगभग 11 रेन बसेरे हैं ,जिनमें एक रेन बसेरे में तकरीबन हर रोज 20 से 25 मजदूर वर्ग के लोग रात काटने के लिए सोने आते हैं | इन रेन बसेरो मे आने वाले लोगो से डीसी को बताया कि उन्हें यहा आराम की सभी चीजें मिल रही है,लेकिन बाथरूम की परेशानी है। उसकी साफ-सफाई नही होती है। इतना ही नही कुछ लोग खुल्ले आसमान के नीचे भी रात बिताते नजर आए। जब उनसे पूछा गया कि वह रेन बसेरे में रात क्यो नही काटते तो उन्होंने बताया कि वहा आधार कार्ड मांगते है जो कि उनके पास नही है। मजबूरी में वह यही सो रहे है।
गुरूग्राम आज महानगर का रूप ले चुका है तथा यहां पर रोजमर्रा के कार्यों और रोजी-रोटी कमाने के लिए हजारों की संख्या में लोग प्रतिदिन आते हैं। सर्दी के मौसम में इन लोगों को रात्रि में भी शहर में रूकना पड़ता है तथा कडक़ड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे रूकना बहुत ही मुश्किल है। ऐसे में नगर निगम गुरूग्राम द्वारा संचालित रैन-बसेरे इन लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। रैन-बसेरों में और अधिक बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं, ताकि जरूरतमंद लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो। भीम नगर व सोहना चौक पर बने रैन बसेरों का निरीक्षण करने उपरान्त बस अड्डे का भी निरीक्षण किया, जहां उन्हें काफी लोग शेड के नीचे सोते हुए मिले, उन्होंने निगम के अधिकारियों को जल्द से जल्द वहां महिलाओं के लिए अलग रैन बसेरा बनाने के आदेश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रेन बसेरो में आने वाले लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसका भी विशेष ध्यान सभी अधिकारी रखें। रैन बसेरा में साफ-सफाई, प्रकाश की व्यवस्था के साथ-साथ शौचालय भी साफ-सुथरे रहें, इस ओर विशेष ध्यान दिया जाए। सर्दी के मौसम को देखते हुए रैन बसेरों में कंबल आदि की व्यवस्था भी पर्याप्त संख्या में की जाए। सभी रैन बसेरों के आस-पास बोर्ड भी लगाएँ, ताकि लोगो को रैन बसेरे की जानकारी उपलब्ध हो सके। इसके साथ साथ रैन बसेरों के नोडल अधिकारी जब रात को निरीक्षण के लिए निकले तो अपने साथ गाड़ी में कम्बल जरूर रखे ताकि खुले में बाहर सोने वाले व्यक्ति को त्वरित राहत दी जा सके।
फिलहाल गुरुग्राम नगर निगम द्वारा बनाए गए रैन बसेरो की हालत में काफी सुधर देखने को मिला ,जिसके चलते मजदूर वर्ग इन्हीं रैन बसेरों में आसरा मानकर आते हैं और ठिठुरन भरी इस सर्दी में चैन की नींद से रात काटते है |