कहलूर उत्सव बम्म का ऐतिहासिक दो दिवसीय मेले में नाटी किंग ठाकुर दास राठी ने ओर पंजाबी गायिका सर्वजीत मटो ने मचाई धमाल।

घुमारवीं क्षेत्र के तहत आने बाली बम्म पंचयात के सिरखड्ड किनारे बम्म घाटी में होने वाले ऐतिहासिक मेले में कलाकार ठाकुर दास राठी ने , रोहडू जाना मेरी अम्मीयें रोहडू जाना हो पर खूब धमाल मचाया सभी दर्शकों को नाचने पर मजबूर कर दिया। । ठाकुर दास राठी समेत सर्वजीत मट्टू, दीक्षित राठी, दीपक बटवाल आदि के जोरदार कार्यक्रम पेश किया। मेले का आगाज गुरु झण्डे वाला शिव मन्दिर में पूजा अर्चना,ढोल नगाड़े संग टमक की थाप पर खेल प्रतियोगिताओं का आगाज हुआ।

घुमारवीं क्षेत्र के तहत आने बाली बम्म पंचयात के सिरखड्ड किनारे बम्म घाटी में होने वाले ऐतिहासिक मेले में  कलाकार ठाकुर दास राठी ने , रोहडू जाना मेरी अम्मीयें रोहडू जाना हो पर खूब धमाल मचाया सभी दर्शकों को नाचने पर मजबूर कर दिया। । ठाकुर दास राठी समेत सर्वजीत मट्टू, दीक्षित राठी, दीपक बटवाल आदि के जोरदार कार्यक्रम पेश किया। मेले का आगाज  गुरु झण्डे वाला शिव मन्दिर में पूजा अर्चना,ढोल नगाड़े संग टमक की थाप पर खेल प्रतियोगिताओं का आगाज हुआ। कार्यक्रम के मुख्यातिथि सिद्ध योगी धाम के प्रबन्ध निदेशक डा0 प्रवीण स्वामी जी महाराज को मेला कमेटी ने शॉल टोपी व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया उन्होंने लोगों से आपसी सहयोग, भाईचारा, प्रेम और बच्चों में अच्छे संस्कार डालने का आह्वान किया साथ ही नशा मुक्त समाज के निर्माण पर बल दिया। मेले में बम्म, हटवाड , कोट, हम्बोट, पंतेहड़ा, मैहरी काथला, लद्दा, कुठेड़ा, सालाओें, मरहाना आदि पंचायतों के खिलाड़ी पंचायत स्तर की टीमों ने भाग लिया । सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों और कलाकारों को पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। मेले में दूर दूर से व्यापारी दुकानदार, हिंडोले, झूले वाले आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं। दुकानें खूब दुलहन की तरह सज गई है। ठाकुर दास राठी समेत सर्वजीत मट्टू, दीक्षित राठी, दीपक बटवाल आदि के जोरदार कार्यक्रम में नीरू चल घुमदी चली कुल्लू बजारा नीरू चली, हवा लगी चंडीगढ़ री, इक बांकी छोरी सूरत बड़ी भोली, जहां जाता है राठी वहां लगती है नाटी के अलावा कई पहाड़ी गाने नाटियां प्रस्तुत कर लोगों को नाचने पर मजबूर कर दिया। बम्म घाटी में होने वाले इस उत्सव का नजारा देखने को मिला जहां हमीरपुर बिलासपुर और मंडी के लोगों ने मेले का आनंद लिया।  कहलूर कल्याण समिति द्वारा  कहलूर उत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रम व सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया जो आकर्षण का केन्द्र बना।