चिट फंड पीडि़त निवेशकों ने सांसद के समक्ष रोया दुखड़ा

प्रत्येक व्यक्ति अपने अपने व अपने परिवार के सुखद भविष्य की सोच के साथ निवेश करता है, लेकिन कई बार चिटफंड कंपनियां अपनी जेबे भरने के लिए आम आदमी के सुखद भविष्य के सपनों को चकनाचूर कर देती है। ऐसा ही काम पीएसीएल सहित आदर्श कॉपरेटिव सोसायटी, सहारा इंडिया, किमफ्यूचर विजन, नैट कमर्शियल एस्टेट, जय हिंद या इसोपी प्राईवेट कंपनी, गौपैथी स्वदेशी उद्योग, विनायक होम रियल इस्टेट, सर्वहित हाउसिंग इनफैक्चर लिमिटेड, ब्लॉक बुस्टर, कल्पतरूर, के इंडिया समृद्धि जीवन सहित अन्य चिटफंड कंपनियों ने देश के 42 करोड़ ग्राहकों को हजारों करोड़ों रुपये की चपत लगाकर किया है।

||Delhi||Nancy Kaushik||प्रत्येक व्यक्ति अपने अपने व अपने परिवार के सुखद भविष्य की सोच के साथ निवेश करता है, लेकिन कई बार चिटफंड कंपनियां अपनी जेबे भरने के लिए आम आदमी के सुखद भविष्य के सपनों को चकनाचूर कर देती है। ऐसा ही काम पीएसीएल सहित आदर्श कॉपरेटिव सोसायटी, सहारा इंडिया, किमफ्यूचर विजन, नैट कमर्शियल एस्टेट, जय हिंद या इसोपी प्राईवेट कंपनी, गौपैथी स्वदेशी उद्योग, विनायक होम रियल इस्टेट, सर्वहित हाउसिंग इनफैक्चर लिमिटेड, ब्लॉक बुस्टर, कल्पतरूर, के इंडिया समृद्धि जीवन सहित अन्य चिटफंड कंपनियों ने देश के 42 करोड़ ग्राहकों को हजारों करोड़ों रुपये की चपत लगाकर किया है। जो करीबन सात वर्षो से अपनी जमापूंजी वापिस दिलवाए जाने की मांग को लेकर दर-दर भटकने को मजबूर है, लेकिन उनकी कही कोई सुनवाई नहीं की जा रही। इसी कड़ी में रविवार को ऑल इंडिया इंवेस्टर आर्गेनाईजेशन के बैनर तले पीएसीएल सहित अन्य चिटफंड कंपनियों के शिकार हुए पीड़ित निवेशकों ने शहर में प्रदर्शन कर भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद चौ. धर्मबीर सिंह को ज्ञापन सौंपा। इससे पहले उन्होंने स्थानीय हुडा पार्क में बैठक आयोजित कर आगामी संघर्ष की रूपरेखा तैयार की।
  
ऑल इंडिया इन्वेस्टर आर्गेनाईजेशन के जिला अध्यक्ष रामजस, सचिव राजकुमार वर्मा ने कहा कि पीएसीएल सहित अन्य चिटफंड कंपनियों ने देश के करीबन 42 करोड़ ग्राहकों को हजारों करोड़ों की चपत लगाई है। जिसमें अकेले पीएसीएल देश भर के करीबन 6 करोड़ ग्राहकों को ग्राहकों 49 लगभग हजार 100 करोड़ रुपये की चपत लगाकर रफूचक्कर हो गई। इनमें भिवानी जिला से करीबन दो लाख लोगों को लगभग 800 करोड़ रुपये की चपत लगी है। जिसके बाद से से पीड़ित निवेशक लगातार धरने-प्रदर्शन कर अपनी जमा पूंजी वापिस दिलवाए जाने की मांग कर रहे है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि वर्ष 2016 में उच्चतम न्यायालय द्वारा पीड़ित निवेशकों की जमा पूंजी वापस दिए जाने के आदेश भी दिए जा चुके है, उसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि अपनी जमापूंजी के इंतजार में लगभग आठ वर्षो के दौरान देश के लगभग पांच लाख नागरिक एवं 1200 सैनिक आत्महत्या कर चुके है। उन्होंने कहा कि सरकार पीड़ित निवेशकों की मांग सुनने की बजाए उसकी बर्बादी के मजे लूटने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि निवेशकों ने अपने परिवार के सुखद भविष्य की सोच के साथ रुपये निवेश किया था, लेकिन इन चिटफंड कंपनियों ने उनके बच्चों के भविष्य को ही दांव पर लगा दिया। ज्ञापन के माध्यम से पीड़ित निवेशकों ने मांग की कि बर्ड्स एक्ट-2019 के तहत देश भर के विभिन्न राज्यों में पीड़ित निवेशकों के दस्तावेज जमा करवाने के लिए कार्यालय खुल चुके है, जबकि भिवानी इससे अछूता है। इसीलिए भिवानी में भी कार्यालय खोला जाए, ताकि पीड़ित निवेशक अपना रूपया वापिस लेने के लिए अपने दस्तावेज जमा करवा सकें।
इस अवसर पर किसान सभा के उपाध्यक्ष कामरेड ओमप्रकाश ने पीड़ित निवेशकों की मांग का समर्थन करते हुए उनकी हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।