पलवल, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आज पलवल जिले के गांव अलावलपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अवेयरनेस कार्यक्रम का आयोजन किया गया

डिप्टी सीएमओ रामेश्वरी ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों में 4 डीएस जिसमें जन्म के समय दोष,रोग,कमियां और विकास में देरी की पहचान की जाती है

डिप्टी सीएमओ रामेश्वरी ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों में 4 डीएस जिसमें जन्म के समय दोष,रोग,कमियां और विकास में देरी की पहचान की जाती है। बच्चों में बीमारियों की पहचान कर समय पर इलाज उपलब्ध करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों की जांच एक महत्वपूर्ण पहल है। बच्चों में बीमारियों की पहचान और परिस्थितियों के प्रबंधन द्वारा सकारात्मक परिणाम प्राप्त किये जा सकते है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के संयोजक डॉ. विधूसी ने बताया कि आरबीएसके की टीम द्वारा गांवों में जाकर और स्कूलों में जाकर अवेयरनेस कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। कार्यक्रम के दौरान बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जाती है। जांच के दौरान बच्चों में बीमारियों की लक्षण पाए जाते है तो उन्हें सरकारी अस्पताल में भेजकर उपचार किया जाता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत इस कड़ी में आज आंखों का कैंप लगाया गया है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम शिविर में जांच करवाने आई छात्रा राखी ने बताया कि आरबीएसके की टीम द्वारा स्कूल में आकर आंखों का परीक्षण किया गया। आंखों में कमजोरी पाई गई। सीएचसी अलावलपुर में डॉक्टरों की टीम ने उनकी आंखों की जांच कर निशुल्क चश्मा दिया है। उन्हें आंखों की सेफ्टी के बारे में भी जानकारी दी गई है।