अम्बाला छावनी:- आज अम्बाला छावनी के बोह गाँव की कश्यप धर्मशाला में एक अनूठी 'माँ-बेटी वर्कशॉप' का आयोजन किया गया। लुम्बा मैटरनिटी हॉस्पिटल से डॉ पूनम लुम्बा,डॉ सुगंधा चोपड़ा के सौजन्य से चित्रा सरवारा व पूनम सांगवान ने सरवाइकल कैंसर और मासिक धर्म से जुड़े मुद्दों पर महिलाओ और बच्चियों की ये वर्कशॉप करवाई I इस वर्कशॉप में फिल्म के माध्यम से सभी मुद्दों को खूबसूरती से समझाते हुए डॉ पूनम लुम्बा ने महिलाओ के सवालों का जवाब दिया और डॉ सुगंधा ने टॉपिक पर विस्तार पूर्वक चर्चा की।
यह कार्यक्रम चित्रा सरवारा और पुनम ने मिलकर दा लाइट विदइन(आत्मजोती) एक इनिशेटिव के तहत किया। चित्रा ने कहा की"दा लाइट विदइन" एक कोशिश है जहां पर समाजिक मुद्धों पर जुड़कर महिलाओं की और बच्चियों की कुछ मुश्किलों में उनकी मदद उनकी सहायता या उनमें एक जागरुकता लाई जा सके।
"दा लाइट विदइन" के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम का नाम था 'माँ-बेटी वर्कशॉप'। इस वर्कशॉप के लिए माताओं और बेटियों को प्रोत्साहित भी किया गया की आकर यहाँ पर हिस्सा लें, समझें और सबसे महत्वपूण्र, अपनी बात रखें।
चित्रा ने बताया की इस माँ बेटी वर्कशॉप की एक सोच यह है की माँ और बेटियां इकठे हर मुद्दे पर जब एक दूसरे की बात करेगी, और एक दूसरे की बात को साझा करेंगी,बातें और जानकारी प्राप्त करेंगी तो उनकी आपस की एक हिचक से भी दूर होगी और बेटियां खुलकर अपनी माताओ को अपनी मुश्किलें अपनी परेशानियां बता सकेंगी।
चित्रा ने कहा की आज बहुत से चैलेंज हमारी छोटी बच्चियों के सामने आते हैं और अक्सर परिवार में खुलापन ना होने के कारण बात करने की आजादी ना महसूस करने के कारण बच्चियां मुश्किलें अपने तक रखकर बैठ जाती है और कई बार मुश्किलों का शिकार हो जाती हैं। चित्रा ने कहा की मां बेटी वर्कशॉप पहले भी इस तरह कई बार हो चुकी है जिसके अंदर बच्चियों को जागरूक किया गया है।
एक्सप्लोइटेशन को लेकर और हमारे समाज में बढ़ते हुए बच्चों के शोषण को देखते हुए चित्रा ने कहा की ऐसी वर्कशॉप आगे भी होती रहेंगी।आज के इस कार्यक्रम के लिए चित्रा सरवारा और पूनम सांगवान ने लुम्बा मैटरनिटी व आईवीएफ सेंटर अस्पताल से आई हुई डॉ पूनम लुम्बा और डॉ सुगंधा चोपड़ा का भी धन्यवाद किया और उनको एक स्मृति चिन्ह और पौधे देकर उनको सम्मानित भी किया। साथ ही कार्यक्रम में शामिल होने वाली महिलाओं और बच्चियों का भी धन्यवाद किया।