साइबर क्राइम की ट्रेनिग देने वाला मास्टर माइंड चढ़ा पुलिस के हत्थे

साइबर क्राइम यूनिट मानेसर की टीम ने साइबर ठग्गी करने वाले एक ऐसे गिरोह को काबू करने में सफलता प्राप्त की है जो अच्छा रिटन दिलवाने के नाम पर लोगो से रुपए इन्वेस्ट करवा कर धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दे रहे थे। इतना ही नही साइबर क्राइम यूनिट ने इस गिरोह के मास्टर माइंड को भी गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है जो कि ठग्गी की ट्रेनिग दे युवको को अपराध की दुनिया मे धकेल रहा था। साइबर क्राइम यूनिट के एसीपी प्रियांशु दिवान ने बताया कि एक व्यक्ति ने मानेसर के थाना साइबर क्राइम में शिकायत दी कि किसी व्यक्ति ने 27 सितंबर 2023 को उसे टेलीग्राम पर अधिक रिटर्न देने की बात कहकर इन्वेस्ट करने की बात कही। इसपर उसने फोनपे के माध्यम से 1 लाख रुपय बताए गए एकाउंट में डाल दिए। शक होने पर जब उसने जांच की तो उसे ठग्गी का अहसास हुआ।

साइबर क्राइम यूनिट मानेसर की टीम ने साइबर ठग्गी करने वाले एक ऐसे गिरोह को काबू करने में सफलता प्राप्त की है जो अच्छा रिटन दिलवाने के नाम पर लोगो से रुपए इन्वेस्ट करवा कर धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दे रहे थे। इतना ही नही साइबर क्राइम यूनिट ने इस गिरोह के मास्टर माइंड को भी गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है जो कि ठग्गी की ट्रेनिग दे युवको को अपराध की दुनिया मे धकेल रहा था। साइबर क्राइम यूनिट के एसीपी प्रियांशु दिवान ने बताया कि एक व्यक्ति ने मानेसर के थाना साइबर क्राइम में शिकायत दी कि किसी व्यक्ति ने 27 सितंबर 2023 को उसे टेलीग्राम पर अधिक रिटर्न देने की बात कहकर इन्वेस्ट करने की बात कही। इसपर उसने फोनपे के माध्यम से 1 लाख रुपय बताए गए एकाउंट में डाल दिए। शक होने पर जब उसने जांच की तो उसे ठग्गी का अहसास हुआ। 
साइबर क्राइम यूनिट ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान क्राइम यूनिट की टीम ने साईबर ठगी की ट्रेनिंग देने वाले मास्टरमाइंड व 1 नाबालिक सहित कुल 4 आरोपियों को बाबाई जिला बुन्दी, राजस्थान से काबू करने में बड़ी सफलता हासिल की। आरोपियों की पहचान दयाराम उर्फ दियाराम मीणा, योगेश मीणा व विकास मीणा के रूप में हुई। आरोपियों से पुलिस पूछताछ में पता चला कि योगेश मीणा अपने आसपास के गांव के लोगों को निवेश के नाम पर ठगी करने के लिए ट्रेनिंग देता था तथा टेलीग्राम, मैसेंजर व अन्य सोशल मीडिया ऐप द्वारा साईबर अपराध करने के तरीके सिखाता था। योगेश मीणा अब तक 100 से अधिक लोगों को साईबर ठगी करने की ट्रेनिंग दे चुका था।  दयाराम, विकास व नाबालिक आरोपी को योगेश मीणा द्वारा ही ठगी करने की ट्रेनिंग दी गई थी। दयाराम ने ठगी की ट्रेनिंग लेने की ऐवज में योगेश को सोने की अंगूठी दी थी।
योगेश व दयाराम लगभग 1 वर्ष से ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे। दयाराम अब तक करीब 25-30 लोगों के साथ ठगी करने की वारदातों को अंजाम दे चुका है, जबकि विकास 10-12 लोगों के साथ ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुका है तथा नाबालिक आरोपी भी अब तक 3-4 लोगों के साथ ठगी कर चुका है। वही योगेश के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत 1 केस राजस्थान में दर्ज है। पुलिस टीम द्वारा आरोपियों के कब्जा से 82 हजार रुपए की नगदी, 1 सोने की अंगूठी व 4 मोबाईल फोन्स बरामद किए गए हैं।