गुरुग्राम-अक्षय त्रितया पर जैन समाज ने लोगो को पिलाया गन्ने का जूस

अक्षय त्रितया पर जैन समाज ने साइबर सिटी में गन्ने का रस बाट कर अपने प्रथम भगवान को याद किया। गौरव जैन की माने तो जैन समाज मे मान्यता है कि समाज के प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभदेव जी भगवान ने 6 महीने का कठीन निरंतर उपवास किया था।

||Delhi||Nancy Kaushik||आज ही के दिन जैन समाज के प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभदेव जी भगवान ने 6 महीने का कठीन निरंतर उपवास किया था। बिना जल के तप का पारणा इक्षु (गन्ने) के रस से किया था। आज भी जैन समाज के लोग इसी वर्षी तप करने के पश्चात उपवास छोड़ते है। इस दिन भगवान को गन्ने के रस से अभिषेक किया जाता है।


अक्षय त्रितया पर जैन समाज ने साइबर सिटी में गन्ने का रस बाट कर अपने प्रथम भगवान को याद किया। गौरव जैन की माने तो जैन समाज मे मान्यता है कि समाज के प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभदेव जी भगवान ने 6 महीने का कठीन निरंतर उपवास किया था। उपवास के अंतिम दिन यानी अक्षय त्रितया पर उन्होंने उपवास खत्म किया और सबसे पहले जो आहार लिया वह इक्षु यानी गन्ने का रस था। तभी से यह परम्परा चली आ रही है। इसी दिन जैन समाज के लोग शहर भर में गन्ने के रस का मुफ्त में वितरण करते है और अपने प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभदेव जी भगवान को याद करते है। इतना ही नही इक्षु यानी गन्ने के रस का अभिषेक भी भगवान को किया जाता है। साइबर सिटी की बात करे तो आज के दिन 20 से अधिक स्थानों पर जूस का वितरण किया जा रहा है।