अंबाला शहर में शहीद भगत सिंह यूनियन ने आवारा पशुओं को इकट्ठा कर अनाज मंडी में पहुंचाया
अंबाला शहर में शहीद भगत सिंह यूनियन ने आवारा पशुओं को इकट्ठा कर अनाज मंडी में पहुंचाया | किसानों ने प्रशासन को चेताया है कि सरकार गाय के नाम पर चुनाव जीत गई, गाय को माता बताकर लोगों से वोट मांगा।अब सरकार जानवरों की देखभाल करना भूल गई है।आवारा पशुओं के कारण कई हादसे हो रहे हैं और किसानों की फसल को भी नुकसान हो रहा है | अब किसान अपने ट्रैक्टरों में सैकड़ों पशुओं को भरकर अनाज मंडी पहुंच गए हैं, अगर प्रशासन ने उनकी समस्या का समाधान नहीं किया तो सभी आवारा पशुओं को डीसी कार्यालय में बांध दिया जाएगा |
|| Ambala || Kartik Bhardwaj || अंबाला शहर में शहीद भगत सिंह यूनियन ने आवारा पशुओं को इकट्ठा कर अनाज मंडी में पहुंचाया | किसानों ने प्रशासन को चेताया है कि सरकार गाय के नाम पर चुनाव जीत गई, गाय को माता बताकर लोगों से वोट मांगा।अब सरकार जानवरों की देखभाल करना भूल गई है।आवारा पशुओं के कारण कई हादसे हो रहे हैं और किसानों की फसल को भी नुकसान हो रहा है | अब किसान अपने ट्रैक्टरों में सैकड़ों पशुओं को भरकर अनाज मंडी पहुंच गए हैं, अगर प्रशासन ने उनकी समस्या का समाधान नहीं किया तो सभी आवारा पशुओं को डीसी कार्यालय में बांध दिया जाएगा |
अंबाला में शहीद भगत सिंह किसान यूनियन अपने क्षेत्र से आवारा पशुओं को एकत्रित कर अंबाला अनाज मंडी पहुंच गया है | किसानों ने प्रशासन व सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने कोई समाधान नहीं निकाला तो सभी आवारा पशुओं को डीसी कार्यालय में बांध दिया जाएगा | सरकार ने गाय के नाम पर राजनीति की और जनता से वोट बटोरे, लेकिन अब सरकार अपने वादों को भूल गई है, आवारा मवेशियों के लिए न तो गसशाला की व्यवस्था है और न ही उनके लिए भोजन, अब आवारा मवेशी खेतों में घुस रहे हैं. किसानों और उन्हें मार रहा है। ये फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और कई सड़क हादसे भी इनकी वजह से हो रहे हैं। अब किसान तंग आ चुके हैं और तमाम आवारा पशुओं को पकड़कर अनाज मंडी पहुंच गए हैं।
शहीद भगत सिंह यूनियन के जिलाध्यक्ष ने कहा कि भूखी गाय बुलाए, अब सरकार को शर्म आनी चाहिए, उन्होंने कहा कि गाय ये पंक्तियां हरियाणा सरकार से कह रही है | अगर डीसी ठोस जवाब देते हैं कि आवारा पशुओं को कहीं रोका जाएगा तो वे उन्हें वहीं छोड़ देंगे, लेकिन अगर डीसी कहते हैं कि आवारा पशुओं को राजपुरा या पटियाला में छोड़ना है तो पहले उसका किराया चुकाएं।किसानों ने कहा कि नगर पालिका ने कुत्तों को पकड़ने के लिए टेंडर निकाला था, जिसमें कुत्ता पकड़ने के लिए 900 रुपये लिए गए थे, लेकिन आज किसान गाय मुफ्त में ले आए हैं | डीसी गायों को कहीं ले जाने के लिए कहते हैं तो पहले 30 लीटर डीजल डाल देते हैं।अगर मांगें नहीं मानी गईं तो गायों को डीसी कार्यालय में बांध दिया जाएगा और चारे-पानी का खर्च भी डीसी वहन करेंगे |