यमुनानगर में खड्डे ने ली दो नन्हें मासूम की जान, प्रशासन की लेट लतीफी से लोगों मे नारजगी
चिट्टा मंदिर स्थित घर के पास बने शौचालय के खड्डे में गिरने से दो मासूम सगे भाइयों की मौत हो गयी। दरअसल चिट्ठा मंदिर स्थित हनुमान कॉलोनी में इन बच्चों के घर के पास पड़ोस में एक गड्ढा शौचालय के लिए खोदा गया था। जिस पर ऊपर मिट्टी ढकी हुई थी।
यमुनानगर ।। बच्चे खेल रहे थे कि खेलते खेलते हुए बच्चे गड्ढे में गिर गए और गड्ढे में ही दोनो की मौत हो गई कुछ देर बाद वहां से गुजर रहे किसी व्यक्ति ने देखा तो आसपास के लोगों ने हिम्मत जुटाकर दोनों बच्चों को बाहर निकाला। जिसके बाद यह इन्हें सिविल अस्पताल में लेकर आए और डॉ ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वही मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाने की बात कही। लेकिन इस बात को लेकर अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ परिवार किसी के खिलाफ भी इस मामले में शिकायत ना देने की बात कहते हुए अपने बच्चों के शव को घर ले जाना चाहते थे। लेकिन पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देश का इंतजार करती रही।
रात करीब 9:30 बजे बच्चों के घर वाले बच्चों के शव को लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे थे जहां बच्चों को डॉक्टर ने मृत घोषितकर दिया और उनके डेथ सर्टिफिकेट परिवार को दे दिए। उसके बाद से ही परिवार वाले बच्चों को पोस्टमार्टम ना करवाने की बात पर अड़े थे उनका यह कहना था कि उन्हें किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जो हादसा उनके परिवार के साथ होना था वह हो गया। इसके लिए वह किसी को भी कसूरवार नहींमानते इसलिए तुरंत उनके बच्चे उन्हें सौंप दिए जाएं। वही मौके पर पहुंची पुलिस इस मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से लगातार बात करती रही देखते ही देखते 3 घंटे बीत गए पुलिस परिवार को यही कहती रही कि प्रशासनिक अधिकारी आएंगे और पोस्टमार्टम ना करवाने के बारे में वही कोई निर्णय ले सकते हैं। लेकिन जब देर रात तक लगातार पुलिस के फोन करने के बाद भी कोई प्रशासनिक अधिकारी सिविल अस्पताल में नहीं पहुंचा,तो परिजनों के सब्र का बांध टूट गया और वह बच्चों के शवों को उठा कर रोते हुए घर की ओर जाने लगे तब उन्हें पुलिस की तरफ से रोका गया। उस दौरान सिविल अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ और बच्चे के परिजनों की पुलिस के साथ बहस हुई क्योंकि वह सिर्फ इसी मांग पर अड़े थे कि वह किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करवाना चाहते इसलिए उनके बच्चों के शव उन्हें सौंप दिए जाएं। लेकिन अपने आला अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के इंतजार में पुलिस बैठी रही। जब बहुत देर बाद तक की कोई प्रशासनिक अधिकारी सिविल अस्पताल नहीं आया और बढ़ते हुए हंगामे को देख डीएसपी राजकुमार वालिया मौके पर पहुंचे और परिवार से बातचीत कर उन्हेंसमझाने का प्रयास किया। लेकिन परिवार अपनी उसी मांग पर अड़ा रहा कि हमने पोस्टमार्टम नही करवाना। कुछ देर बाद पुलिस ने परिवार से लिखित में लिया कि वह इस मामले में किसी से कोई कार्रवाई नहीं करवाना चाहते और वह अपनी इच्छा से दोनों बच्चों के शवों को घर ले जाना चाहते हैं। जिसके बाद दोनों बच्चों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए।
वही अपना सब कुछ खो चुके बच्चों के मासूम पिता पर मानो मुसीबतों का पहाड़ टूट गया । जिन मासूमो ने अपने पिता के कंधे बनना था आज पिता को उन मासूमो को कंधे पर उठाना पड़ा। उन्हें कुछ ही समझ नहीं आ रहा था बच्चों के पिता ने बताया कि वह अपनी हेयर ड्रेसर की दुकान चलाते हैं जैसे ही उन्हें सूचना मिली तो दौड़े चले आए लेकिन तब तक मेरे बेटा और दक्ष दोनों है हमें छोड़ कर चले गए। अब हम क्या कर सकते हैं किसी को क्या कह सकते हैं कुछ भी समझ नहीं आ रहा हम पोस्टमार्टम नहीं करवाना चाहते हम बच्चों को लेकर जाना चाहते हैं जो हादसा होना था वह हो गया।
वही इस मामले में सिविल अस्पताल में मौके पर आए सदर थाना से पुलिस जांच अधिकारी ने बताया कि सूचना आई थी कंट्रोल रूम से कि 2 बच्चे हनुमान कॉलोनी में बच्चे एक खड्डेमें गिर गए। अचानक खेलते खेलते वह गिर गए। मौके पर पहुंचकर दोनों बच्चों को निकाल कर तुरंत हॉस्पिटल लाया गया। इलाज के दौरान बच्चों की मौत हो गई। एक बच्चे की उम्र 6साल दूसरे की 3 साल हैं। बाकी कार्रवाई कर रहे हैं जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई कर दी जाएगी।
Posted by - Prakash Chandra