दिल्ली में ट्रेफिक पुलिस की दबंगई का वीडियो हुआ वायरल
जनता को अनुशासन में ढालने के लिए देती है । लेकिन यही कुछ वर्दी वाले जब अनुशासनहीनता पर उतर आए तो इसको क्या कहेंगे आप ? ये जनता में रूल्स बताने वाले जब बेलगाम होकर जनता पर बेवजह लात हाथ चलाने लगे तब क्या कहेंगे आप
सरकार वर्दी जनता की सुरक्षा के लिए देती है । जनता को अनुशासन में ढालने के लिए देती है । लेकिन यही कुछ वर्दी वाले जब अनुशासनहीनता पर उतर आए तो इसको क्या कहेंगे आप ? ये जनता में रूल्स बताने वाले जब बेलगाम होकर जनता पर बेवजह लात हाथ चलाने लगे तब क्या कहेंगे आप । देखिए दिल्ली में मनमानेपन पर सवाल करने पर एक ट्रैफिक पुलिस ने पब्लिक से किस तरह किया बर्ताव । दिल्ली के सकरपुर जमनापार मेट्रो के नीचे ट्रैफिक ओर तैनात ZO ASI राजबीर सिंह की शर्मनाक हरकत । बाइक रोकी, चाटा मारा और पत्नी के सामने दे डाली माँ बहन की गाली । ये लात चलाता पुलिस वाला दिख रहा है आपको ? जिस व्यक्ति पर ये बत्तमीजी से इस तरह लात मारने के इशारे कर रहा है वो व्यक्ति कोई अपराधी या आतंकवादी नहीं है । पर वर्दी के रोब ने उसका अपराध ये मान लिया कि उसने दो सवाल पूछ लिए । गलत को सामने आकर गलत कह दिया । और इन पुलिस वाले को इनके कर्तव्यों से रूबरू करवाना चाहा । बस फिर क्या था... भड़क गए साहेब । इतना भड़के की मारने को उतारु हो गए । सरकारी नारो की धज्जियां उड़ाते हुए माँ बहन की गाली दे डाली , वो हुई सार्वजनिक खुले सड़क पर । घटना है शकरपुर जमनापार मेट्रो के नीचे की ही, जहाँ तैनात ZO ASI राजबीर सिंह महिला के सामने उसके पति के साथ बदसलूकी की हद कर दी ।कैसे उम्मीद करें कि ये दुसरो को ऐसा करने से रोकते होंगे ? कैसे उम्मीद करें कि ये खुद कहीं गलत होता देख कर सवाल करते होंगे ये बर्ताव इनका रवैया बताता है । ये इनके वर्दी का घमंड दिखाता है । ये इनका खुद को सेवक के बदले जनता का दादा होने वाला घमंड दिखाता है । ऐसी घटनाएं अब सरेआम हो गयी है । एक बार फिर से देखिए । ट्रैफिक पुलिस वाले इस भाई साहब ने एक मोटरसाइकिल वाले को रोका । गलत वजह से रोका या सही वजह से... ये चर्चा का विषय भी है लेकिन वजह पर बस कुछ सवाल किए पास से आये एक आदमी ने और फिर क्या....सिपाही जी के रुतबे को ठेस लग गयी मानो । धक्का दिया, हाथ दिखाए और लाते भी चला दी । माँ बहन की बेहूदी किस्म की गालियां दी डाली । उस जगह पर, जहां कुछ महिलाएं भी है, छोटे छोटे बच्चे भी है जो कल को राजबीर सिंह जैसा कोई पुलिस अफसर बनने का सपना देख रहें होंगे । उनको ये घटिया हरकत वाली शिक्षा दी इन्होंने । बेचारी जनता, पुलिस से उम्मीद लगाती है, सड़क पर खड़े सिपाही को देख कर विश्वास से भर जाती है कि उसके साथ अब कोई कुक गलत करेगा या बोलेगा नहीं । लेकिन ऐसे पुलिसवाले हो तो फिर भगवान ही मालिक है । डेवेलप इंडिया में हमने ये सपना तो नहीं देखा था कभी । है कि नहीं..?