जमीन का मुआवजा नहीं बढने से परेशान किसान की मौत
किसानों के धरने पर पहुंचने वाले पांच किसानों की अब तक मौत हो चुकी है। गांव ढाणी फौगाट निवासी 65 वर्षीय किसान महेंद्र सिंह सुबह अपने खेत से गांव ढाणी फौगाट में किसानों के धरने में शामिल होने के लिए निकला था। बीच रास्ते में उसके सीने में दर्द उठा तो बेहोश होकर गिर पड़ा।
चरखी दादरी। ग्रीन कारिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि को लेकर दादरी जिले के 17 गांवों के किसान साढ़े 7 माह से धरने देकर संघर्ष कर रहे हैं। धरने पर मुआवजा वृद्धि के लिए आने वाले गांव ढाणी फौगाट निवासी 65 वर्षीय महेंद्र सिंह किसान की मौत हो गई। किसान घर से धरने पर जाने के लिए निकला था, बीच रास्ते में उसके सीने में दर्द हुआ और अचानक मौत हो गई। शव को दादरी के सरकारी अस्पताल लाया गया। जहां परिजनों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों द्वारा लगातार परेशान किया जा रहा था। जमीन जाने के भय से काफी समय से परेशान चल रहा था। जिसके चलते किसान की मौत हुई है। वहीं किसानों के धरने पर पहुंचने वाले पांच किसानों की अब तक मौत हो चुकी है। गांव ढाणी फौगाट निवासी 65 वर्षीय किसान महेंद्र सिंह सुबह अपने खेत से गांव ढाणी फौगाट में किसानों के धरने में शामिल होने के लिए निकला था। बीच रास्ते में उसके सीने में दर्द उठा तो बेहोश होकर गिर पड़ा। धरनारत किसानों ने तुरंत उसे उपचार के लिए दादरी के सरकारी अस्पताल पहुंचाया।जहां चिकित्सकों ने किसान को मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने बताया कि महेंद्र सिंह अपनी जमीन को लेकर काफी चिंतित रहता था। जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिलने के गम के चलते उसकी मौत हुई है। वहीं सरपंच मंदीप फौगाट नेे बताया कि पिछले काफी समय से किसान अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। लेकिन सरकार ने मांग मानने की बजाए किसानों को प्रताडि़त करने का काम किया है। मृतक किसान धरना कमेटी का सदस्य था और लगातार धरने पर आ रहा था। उसे अपनी जमीन जाने व अधिकारियों की तानाशाही के चलते उसकी मौत हुई है।उधर सदर पुलिस थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस अस्पताल पहुंच गई थी। परिजनों ने पुलिस को बताया कि रास्ते में किसान की मौत हुई है। पुलिस ने इस संबंध में कार्रवाई करते हुए शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है।