दिल्ली नगर निगम के सफ़ाई का ये हाल हैं इस इलाके में पिछले कई महीनों से MCD की कोई भी गाड़ी कचड़ा उठाने नहीं आई हैं । नतीजन बारिश हुई तो बदबू और बीमारियों ने घर बसा लिया
चुनाव आए हैं तो नींद खुली हैं । नींद से चादर हटाई गई हैं और जनता को काम दिखाने के लिए कूड़े वाली गाड़िया भेजी गई हैं । लेकिन साहब, ये पब्लिक है… सब जानती है ॥ स्वाभाविक हैं अधिकांश मर्द काम पर गए थे की तब पहुंची MCD की गाड़ी तो महिलाओं ने मोर्चा संभाल लिया।
दिल्ली में हुई एक बारिश ने सरकारी विकास के हर चेहरे को धो कर आरकेएच दिया हैं । दरिया बन चुकी सड़कों और कूड़े का अंबार बन चुके दिल्ली के कई इलाके इस बात की गवाही खुलेआम तौर पर दे रहे हैं ।आइये दिखाते हैं आपको नरेला के ग्यारह पॉकेट की कुछ तस्वीरें.... । मिलवाते हैं वहाँ के स्थानीय लोगों से और सुनवाते हैं हाल सरकारी विकास के खोखले के वादों का ।दिल्ली नगर निगम के सफ़ाई का ये हाल हैं इस इलाके में पिछले कई महीनों से MCD की कोई भी गाड़ी कचड़ा उठाने नहीं आई हैं । नतीजन बारिश हुई तो बदबू और बीमारियों ने घर बसा लिया । नाले के पानियों ने पैरों और घुटनों तक तो सड़ाना शुरू कर दिया। बच्चों बूढ़ों सबको बीमारियाँ होने लगी...। और दिल्ली में बीमार होना गरीब को कितना गरीब करता हैं ये कभी इनके साथ रहिए पता चलेगा । लेकिन दिल्ली की MCD हैं कि चद्दर तान के सोती रही । अब जब चुनाव आए हैं तो नींद खुली हैं । नींद से चादर हटाई गई हैं और जनता को काम दिखाने के लिए कूड़े वाली गाड़िया भेजी गई हैं । लेकिन साहब, ये पब्लिक है… सब जानती है ॥ स्वाभाविक हैं अधिकांश मर्द काम पर गए थे की तब पहुंची MCD की गाड़ी तो महिलाओं ने मोर्चा संभाल लिया। कूड़ा उठाने आई गाड़ी को रोका और कब्जे मे ले लिया।सवालो के जवाब दो, ज़िम्मेदारी का हिसाब दो...और गाड़ी ले जाओ... । एक जिम्मेदार कर दाता की तरह उन्होने सवाल दागे । जवाब तो ठें नहीं, तो कर क्या सकते थें, मुंह लटका कर बैठ गयें । महिलाओं के जाम कर विरोध किया... नारेबाजी की , सियासतदानों के खिलाफ हल्ला बोला....और मीडिया के सामने बेबाकी से अपनी बात रखी... ।