रावण अहिरावण के पुतलो का दहन किया जाता है वही तीन लोक से न्यारी कान्हा की नगरी मथुरा मे ज्योतिष और आयुर्वेद के प्रकांड विद्वान लंका नरेश रावण के अनुयायियों द्वारा रावण की विधि विधान ओर मंत्रोच्चारण के साथ यहां पूजा की जाती है
यह बिल्कुल गलत है और हम रावण के अनुयायी इसकी घोर निंदा करते है और सभी से अपील करते है कि रावण का पुतला हर साल न जलाया जाय बाकी भगवान राम की लीला का मंचन हर साल कराया जाय जिससे समाज मे रहने वाले लोगो को मर्यादा का ज्ञान होता रहे ।
जहॉ एक ओर पूरे देश मे विजयदशमी का पर्व बहुत ही उल्लास के साथ मनाया जाता है रावण अहिरावण के पुतलो का दहन किया जाता है वही तीन लोक से न्यारी कान्हा की नगरी मथुरा मे ज्योतिष और आयुर्वेद के प्रकांड विद्वान लंका नरेश रावण के अनुयायियों द्वारा रावण की विधि विधान ओर मंत्रोच्चारण के साथ यहां पूजा की जाती है आरती उतारी जाती है जहॉ पूरे देष मे आज षाम रावण को मारने की तैयारी की जा रही है वही मथुरा मे सारस्वत समाज के लोगों द्वारा रावण का पूजन किया जा रहा है वही रावण की पूजा करने वाले अनुयायियो ने कहा है कि रावण एक प्रकांड विद्वान थे और उन्होने सीता माता का हरण तो किया लेकिन अपनी वाटिका मे उन्हें रखा अपने परिवार के लोगों की मृत्यु के बाद भी सीता के साथ कोई भी अनैतिक कार्य नही किया वही उन्होने कहा कि जो रावण का पुतला हर साल जलाया जाता है जबकि हिन्दू मान्यताओं के अनुसार आदमी की अन्तयेश्टि एक बार ही होती है वही पूरे देष मे हर साल रावण को जलाकर बुराई पर अच्छाई की विजय बताया जाता है यह बिल्कुल गलत है और हम रावण के अनुयायी इसकी घोर निंदा करते है और सभी से अपील करते है कि रावण का पुतला हर साल न जलाया जाय बाकी भगवान राम की लीला का मंचन हर साल कराया जाय जिससे समाज मे रहने वाले लोगो को मर्यादा का ज्ञान होता रहे ।